अरुण कुमार, एस्ट्रोलॉजर
जब हम अपने देवी-देवताओं की पूजा करते हैं अर्थात् उन देवी-देवताओं की मूर्ति के समक्ष बैठ कर उनकी पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करते हैं तो वे प्रसन्न होते हैं, उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपावली पर हमें मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश जी का पूजन होता है। षोडशोपचार पूजन कुछ अधिक समय लेता है किंतु पंचोपचार पूजन अपेक्षाकृत सरल व सुलभ है अतः यह पूजन सभी को प्रतिदिन या किसी महापर्व पर करना ही चाहिए। हिन्दू संस्कृति में यह माना जाता है कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा या पूजन के पश्चात उसमें देवी देवता प्रतिष्ठित हो जाते हैं।
अतः दीपावली महापर्व पर गणेश जी और मां लक्ष्मी जी का पंचोपचार पूजन इस प्रकार से करें।
1. ईश्वर को तिलक या गंध लगाना
सर्वप्रथम ईश्वर को अनामिका उंगली से गंध ( रोली, चंदन, हल्दी) लगाएं। तत्पश्चात ईश्वर को चुटकी भर अक्षत् (साबुत चावल ) लगाएं। गंध सर्वप्रथम ईश्वर के चरणों में लगाना चाहिए।
2. ईश्वर को पत्र-पुष्प चढ़ाना
ईश्वर को भांति-भांति प्रकार के पत्र-पुष्प चढ़ाए जाते हैं। हमें बाजार में मिलने वाले कृत्रिम पुष्प नहीं बल्कि असली पुष्प ही चढ़ाने चाहिए। चढ़ाने से पूर्व पुष्प बिल्कुल भी नहीं सूंघें। लक्ष्मी जी को कमल पुष्प चढ़ाये जाते हैं। पुष्प सर्वप्रथम चरणों में चढ़ाने चाहिए। पंखुड़ियों को दोनों हाथों से मूर्ति पर चढ़ाने चाहिए। गणेश जी की मूर्ति को दुर्वा अर्पित की जाती है।
3. ईश्वर को धूप दिखाना
ईश्वर को विशिष्ट प्रकार की धूप जलाई जाती है। लक्ष्मी जी को गुलाब की गंध पसंद है अतः गुलाब की गंध वाली धूप या गुलाब का इत्र चढ़ाएं। धूप करते समय घंटी जरूर बजाएं।
4. ईश्वर को दीप – आरती करना
जब भी हम दैनंदिन जीवन में मां लक्ष्मी जी की आरती करते हैं तो उन्हें को देसी घी का दीपक प्रतिदिन करना चाहिए। दीपक तीन बार मध्यम गति से करना चाहिए। लेकिन, दीपावली महापर्व पर लक्ष्मीजी के आगे देसी घी के अलावा सरसों के तेल का दीपक भी प्रज्ज्वलित किया जाता है।
ध्यान रखना चाहिए कि एक दीपक कभी भी एक को लक्ष्मी के आगे रखने दीपक से नहीं जलाना चाहिए। दीपकों को प्रज्ज्वलित करने के लिए एक अन्य दीपक या मोमबत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए। दीप प्रज्ज्वल त्पश्चात आरती करनी चाहिए।
5. ईश्वर को नैवेद्य (मिठाई) अर्पित करना
ईश्वर को प्रतिदिन या महापर्व पर प्रसाद के रूप में मिठाई ही चढ़ाई जाती है, उन्हें कभी भी नमक से बना हुआ भोज्य पदार्थ नहीं चढ़ाया जाता है। प्रसाद अर्पण करने से पहले भोग को कपड़े से ढ़ंक लें। जिस स्थान पर प्रसाद रखा जाए, उस स्थान पर जल से मंडल बना देवे। मंडल एक बार ही बनाएं। प्रसाद चढ़ाते समय मन में यह भाव रखे कि भोग ईश्वर तक पहुंच रहा है और ईश्वर उसे ग्रहण कर रहे हैं। लक्ष्मी जी को केसर तथा काजू बादाम आदि से निर्मित चावल की खीर अतिप्रिय है, अतः दीपावली पर लक्ष्मी जी को खीर का भोग लगाये। भगवान श्रीगणेश जी को गुड़ और छोटी इलाइची अर्पण करें फिर उन्हें प्रिय मोदक या लड्डू अर्पित करें। तत्पश्चन कर्पूर जलाएं तथा शंखनाद करे। अंत में प्रसाद ग्रहण करें।