दीपावली का त्योहार नजदीक आने के साथ ही बाजार में पटाखों की बिक्री परवान पर है। बाजार में कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखें अधिक पसंद किए जा रहे हैं। इस बार भी शहर में दीपोत्सव मेले में शिवकाशी के पटाखे बिक रहे हैं, जहां लोगों की भीड़ जुटी हैं।
दीपावली का त्योहार नजदीक आने के साथ ही बाजार में पटाखों की बिक्री परवान पर है। बाजार में कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखें अधिक पसंद किए जा रहे हैं। इस बार भी शहर में भवानी सिंह रोड पर दीपोत्सव मेले में शिवकाशी के पटाखे बिक रहे हैं, जहां लोगों की भीड़ जुटी हैं। यहां पटाखों की बिक्री जोरों पर हो रही है। पटाखे खरीदने के लिए यहां लोगों की लाइनें लग रही है।
राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड की ओर से मेला लगाया गया है, जहां पटाखों के साथ दिवाली से जुड़े अन्य सामान बिक रहे है। सबसे अधिक यहां पटाखे खरीदने वालों की भीड़ लगी है। पटाखों की राजधानी के नाम से मशहूर शिवकाशी के पटाखे लेने के लिए लोगों की यहां कतारे लग रही है। दोपहर से देर रात तक पटाखे खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। एक दिन पहले यहां लोगों की भीड़ का देखते हुए पुलिस जाप्ता लगाना पड़ा।
65 फीसदी छूट पर मिल रहे पटाखे
महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि दीपोत्सव मेले में शिवकाशी के पटाखे 65 फीसदी छूट पर मिल रहे है। शिवाकाशी से पटाखे मंगवाकर जयपुर के लोगों को उपलब्ध करवाए जा रहे है। ये पटाखे क्वालिटी के होते हैं, जिनमें बेरियम नाइट्रेट कम मात्रा में काम में लिया जाता है, जिससे ये पटाखे प्रदूषन कम फैलाते हैं। इनकी जयपुर में हर साल डिमांड बढ़ रही है। संघ की ओर से लगाए जाने वाले मेले में पटाखे सिर्फ 5-6 दिन में ही बिक जाते हैं। इस मेले में करीब 72 तरह के पटाखे मिल रहे है। इनके लिए 3 माह पहले ही आॅर्डर दे दिया जाता है।
प्रदूषण कम का दावा
लोगों को पटाखों के लिए इस मेले का इंतजार रहता है। जानकारों की मानें तो ग्रीन पटाखे भी पारंपरिक पटाखों के जैसे ही होते हैं, ये पटाखे जलने और दिखने में भी ग्रीन पटाखों के जैसे ही होते हैं। हालांकि इनके जलने से प्रदूषण कम होता है। तमिलनाडु स्थित शिवाकाशी की आतिशबाजी इंडस्ट्री का हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार होता है।
सोने व चांदी के सिक्कों की भी डिमांड
इस मेले में सोने और चांदी के सिक्कों की भी डिमांड रहती है। यहां 10 ग्राम, 20 ग्राम व 50 ग्राम में सोने व चांदी के सिक्के मिल रहे है। महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि ये सिक्के 99।99 प्रतिशत शुद्ध होते है। इसके अलावा मेले में चद्दरें, बर्तन, मेवे सहित अन्य सामान भी रियायती दर पर मिल रहे है।