आज, रविवार 3 नवंबर यानी कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को धर्मराज के दरबार में पाप और पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले, धर्म और अधर्म का हिसाब-किताब करने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा है। साथ ही कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि यानी आज ही देशभर में भाई दूज का भी त्योहार मनाया जा रहा है।
आज का दिन कायस्थ समाज के लोगों के लिए यह एक बड़ा दिन होता है। सभी मनुष्यों के कर्म और फल का लेखा-जोखा रखने का कार्य भगवान चित्रगुप्त करते हैं। लेखा-जोखा कार्य कलम के माध्यम से होता है इसलिए चित्रगुप्त पूजा के दिन कलम और दवात की पूजा की जाती है और इस दिन लेखन से जुड़ा कोई कार्य नहीं होता. चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर इस समाज के लोग चित्रगुप्त, कलम, दवात और बहीखाता की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन लेखन से संबंधित कोई कार्य नहीं किया जाता है। भगवान चित्रगुप्त सभी के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के बाद जब आत्माएं यमलोक जाती हैं तो चित्रगुप्त ही उनके कर्मों का लेखा-जोखा बताते हैं।
जानें क्या है चित्रगुप्त प्रार्थना और मंत्र
चित्रगुप्त भगवान का प्रार्थना मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
चित्रगुप्त पूजा का महामंत्र
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
आज कब कर सकते हैं भगवान चित्रगुप्त की पूजा
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि का समापन 3 नवंबर रात्रि 10:01 पर होगा। वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1:05 से दोपहर 3:20 के बीच रहेगा। पूजा के लिए कुल अवधि लगभग 2 घंटे 10 मिनट की होगी। इस दौरान पूजा-पाठ का विशेष महत्व रहेगा
प्रेम और विश्वास का बंधन दर्शाता है Bhai Duj
दिवाली के दो दिन बाद देश के कुछ हिस्सों में Bhai Duj का त्योहार मनाया जाता है। इस साल Bhai Duj रविवार, 3 नवंबर को है। इस दिन बहनें Bhai Duj की पूजा और कथा करके भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हुए गिफ्ट देते हैं। Bhai Duj को भैया दूज के नाम से भी जानते हैं।