रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया है, जो भारतीय सेना की शक्ति में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह परीक्षण प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) के मानकों के तहत हुआ। तीन अलग-अलग चरणों में यह परीक्षण विभिन्न फायरिंग रेंज पर किया गया, जिसमें रॉकेट की सटीकता, स्थिरता, और मारक क्षमता की गहन जांच की गई।
परीक्षण की खासियत और महत्ता
यह परीक्षण इसलिए खास है क्योंकि यह गाइडेड पिनाका को सेना में शामिल करने से पहले का अंतिम परीक्षण था। परीक्षण के दौरान पिनाका रॉकेट की लंबी दूरी की क्षमता, सटीकता, और कई लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने की दक्षता को परखा गया। DRDO ने इस परीक्षण में दो पिनाका लॉन्चरों का उपयोग किया, जिससे हथियार की एक साथ कई निशानों को भेदने की क्षमता सिद्ध हुई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय सेना को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली सशस्त्र बलों की मारक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी।
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए परीक्षण में शामिल सभी टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गाइडेड पिनाका ने सभी आवश्यक उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं, जो भारतीय सेना में शामिल होने के लिए आवश्यक थे। पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की यह उन्नत प्रणाली पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है, जिसका निर्माण DRDO की सहयोगी संस्थाओं जैसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, रिसर्च सेंटर इमारत, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, हाई एनर्जी मटेरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टेब्लिशमेंट ने मिलकर किया है।
पिनाका हथियार प्रणाली की विशेषताएं
गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली भारतीय सेना की मारक क्षमता में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। अब यह 75 किलोमीटर की दूरी तक 25 मीटर के दायरे में बेहद सटीकता से हमला कर सकती है। इसकी गति 1000-1200 मीटर प्रति सेकंड तक है, जिसका मतलब है कि यह एक सेकंड में लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। पहले इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, जिसे अब बढ़ाकर 75 किलोमीटर कर दिया गया है। इसके सटीकता स्तर में भी पहले से कहीं अधिक सुधार हुआ है, जिससे यह दुश्मनों के खिलाफ एक अत्यधिक प्रभावी हथियार सिद्ध होगा।
इस परीक्षण की सफलता के बाद पिनाका गाइडेड रॉकेट सिस्टम को भारतीय सेना में जल्द शामिल किए जाने की संभावना है, जिससे देश की रक्षा प्रणाली और मजबूत होगी।