दिल्ली

किसान महापंचायत के बैनर तले 6 अप्रैल से नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर सरसों सत्याग्रह

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में 6 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर सरसों सत्याग्रह किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिए राजस्थान से किसान प्रतिनिधियों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया है । सभी प्रतिनिधि 6 अप्रैल को 10:30 बजे से पहले तक जंतर मंतर पर पहुंचेंगे । सत्याग्रह के दौरान उपवास का कार्यक्रम सही 11:00 बजे आरंभ हो जाएगा, जो सायं 4:00 बजे पूरा होगा । अभी तक उपवास करने वाले 101 किसान प्रतिनिधियों का पंजीयन हो चुका है और  31 किसान प्रतिनिधियों की प्रतीक्षा सूची भी तैयार हो गई है। इन किसानों में राजस्थान के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं बिहार के किसान प्रतिनिधियों की सम्मिलित होने की सूचना आ चुकी है ।
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि  देश के सरसों उत्पादक किसान 1 वर्ष में 1 क्विंटल पर 3000 रुपए तक के दाम गिरने से हतप्रभ एवं परेशान है । इसका कारण भारत सरकार द्वारा बाहर से मंगाने जाने वाले खाद्य तेलों पर आयात शून्य पर लाना है । इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद नीति में वर्ष 2018 से “प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान” के अंतर्गत तिलहन एवं दलहन की उपजों की खरीद में अनेक प्रकार के अवरोध लगाना है । जिनमें कुल उत्पादन में से 25% से अधिक नहीं खरीदना, खरीद की अवधि अधिकतम 90 दिन रखना जिसमें भी खरीद के दिन 60 से 70 रखना है, इसके उपरांत भी 1 दिन में एक किसान से 25 क्विंटल से अधिक मात्रा में खरीद नहीं करने का भी प्रावधान किया हुआ है ।

जाट के बताया कि इन नीतियों के कारण भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपए भी 1 क्विंटल पर प्राप्त नहीं हो रहे हैं । किसानों को अपनी उपज 950 रुपए प्रति क्विंटल का घाटा उठाकर बेचनी पड़ रही है। यह स्थिति तो तब है जब भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटीड मूल्य बताते हुए नहीं थकती है तथा संसद में उन्होंने अनेक बार लिखित में आश्वासन दिया है कि किसी भी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों में अपनी उपज बेचने के लिए विवश नहीं होने दिया जाएगा।

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