दिल्लीराजनीति

चुनावी समर के सेनापति..! भाजपा के नए राज्य प्रभारी हैं संगठन के धुरंधर

कुछ ही महीनों में राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी ने प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, ओम माथुर को छत्तीसगढ़, भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश और प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना की जिम्मेदारी दी है।
बीजेपी ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रभारियों के नामों का खुलासा करने के साथ ही चुनावी बिगुल बजा दिया है। बीजेपी ने जिन दिग्गजों को चुनावी रण का सेनापति बनाया है, वे सभी सियासत के धुरंधर हैं और अपने विरोधियों को पस्त करने में माहिर हैं। ये ऐसे नाम हैं, जो परदे के पीछे रहकर भी चाणक्य की भूमिका में हमेशा नजर आते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए हर राज्य में जीत का परचम लहराना बेहद जरूरी होगा। ऐसे में ये चारों सेनापति पूरी ताकत के साथ विरोधियों को पस्त करने के लिए चुनावी संग्राम में कूदेंगे।
दरअसल देश के पांच राज्यों में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश चुनाव प्रभारियों और सह-चुनाव प्रभारियों के नामों का ऐलान कर दिया है। राजस्थान की कमान केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को सौंपी गई है। छत्तीसगढ़ में ओम प्रकाश माथुर, मध्यप्रदेश में भूपेंद्र यादव और तेलंगाना में प्रकाश जावड़ेकर को चुनाव प्रभारी बनाया गया है।
उत्तराखंड की जीत के नायक प्रह्लाद जोशी
बीजेपी ने चुनावी रणनीति के तहत राजस्थान में तीन दिग्गज नेताओं पर भरोसा जताया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान का चुनाव प्रभारी और उनके सहयोग के लिए गुजरात के नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप विश्नोई को सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। बीजेपी ने प्रह्लाद जोशी पर यूं ही दांव नहीं लगाया है। जोशी कई मौकों पर अपनी काबिलियत सिद्ध कर चुके हैं। उनमें सबसे खास है उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी की भारी मतों से जीत। उत्तराखंड में जीत का श्रेय पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को दिया था, क्योंकि पार्टी ने उनके कंधों पर ही चुनाव की कमान सौंपी थी। उन्होंने पूरे चुनाव में अपने बेहतरीन प्रबंधन का लोहा मनवाया था। प्रह्लाद जोशी को कुशल रणनीतिकार माना जाता है। देश की राजनीति में प्रह्लाद जोशी एक बड़ा नाम हैं। वह कर्नाटक के धारवाड़ से 2004 से लोकसभा सांसद हैं। 4 बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। वहीं वह 2014 से 2016 तक कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। मौजूदा समय में वह मोदी सरकार में अहम मंत्री हैं।
भूपेंद्र यादव ने बिहार में बढ़ाया पार्टी का वर्चस्व
राजस्थान के रहने वाले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को बीजेपी ने मध्य प्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। वह अभी मोदी कैबिनेट में श्रम एवं रोजगार मंत्री हैं। भूपेंद्र का नाता आरएसएस से रहा है। बीजेपी के संगठन में भूपेंद्र यादव की काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। संघ से सीधा जुड़ाव होने के नाते यादव को स्वयंसेवियों का भी साथ मिलता है। 2013 में भूपेंद्र राजस्थान, 2017 में गुजरात, 2014 झारखंड और 2017 यूपी चुनाव में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। भूपेंद्र यादव को बीजेपी ने साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। यादव ने बिहार में पार्टी का वर्चस्व बढ़ाया और पार्टी ने बिहार में काफी सीटें जीतकर विरोधियों को पस्त कर दिया था। यादव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ वह बीजेपी की संगठनात्मक रणनीतियां तय करने के लिए जाने जाते हैं। चाहे 2013 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव हो या फिर 2014 में झारखंड और 2017 में हुए गुजरात और उत्तर प्रदेश का चुनाव। इन राज्यों में बीजेपी के लिए परदे के पीछे रहकर चाणक्य की भूमिका निभाते रहे हैं।
शानदार है ओम माथुर का रिपोर्ट कार्ड
छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी बनाए गए ओमप्रकाश माथुर भी राजस्थान के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद है। इससे पहले वे राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। माथुर के लिए छत्तीसगढ़ पुराना नहीं है। वह पिछले साल ही छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी बनाए गए थे। छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी बनाए जाने से पहले ओमप्रकाश माथुर उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके पहले वे गुजरात और महाराष्ट्र के प्रभारी रह चुके हैं। 2014 में बीजेपी को महाराष्ट्र में जीत दिलवाने और देवेंद्र फड़नवीस को सीएम बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 2014 में जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री बनने की रेस में शामिल हुए तो लोकसभा चुनावों में गुजरात का बीजेपी में प्रभार ओम प्रकाश माथुर के हवाले था। यही कारण है कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ की कमान ओम प्रकाश माथुर को सौंप दी है।
जावड़ेकर के पास है सियासत का लंबा तजुर्बा
दक्षिण भारत में कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी तेलंगाना को किसी भी कीमत पर हाथ से नहीं निकलने देना चाहती है। यहां पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। यही कारण है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले जावड़ेकर के पास भी सरकार चलाने से लेकर संगठन संभालने तक का अच्छा खासा अनुभव है। जावड़ेकर को जब 2019 में जब राजस्थान का चुनाव प्रभारी बनाया गया तो उस वक्त माना जा रहा था कि पार्टी 40 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी। हालांकि बीजेपी सरकार बनाने लायक सीटें नहीं जीत पाईं, लेकिन जितनी सीटें पार्टी ने जीतीं, उसकी उम्मीद पार्टी नेताओं ने भी नहीं की थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी राजस्थान के चुनाव प्रभारी बने तो 25 में से 25 सीटें पार्टी जीत गई। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी चुनाव प्रभारी के रूप में कार्य करते हुए पार्टी महज 7 सीटों से ही सत्ता से दूर रही। इसके अलावा उन्हें आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जिम्मेदारी दी गई, जहां पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया।

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