दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर न बैठने के फैसले पर सोमवार को भाजपा और कांग्रेस ने हमला बोला। उन्होंने इसे संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री पद का “गंभीर अपमान” बताया। आतिशी ने सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला और कहा कि वह अगले चार महीने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करेंगी, जैसे रामायण में भरत ने भगवान राम की अनुपस्थिति में उनके ‘खड़ाऊं’ को सिंहासन पर रखकर अयोध्या पर शासन किया था।
भाजपा के पूर्वोत्तर दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कदम से पार्टी ने एक बार फिर संविधान का अपमान किया है और यह साबित किया है कि आतिशी एक “कठपुतली मुख्यमंत्री” हैं। तिवारी ने कहा, “जब कार्यालय में एक मुख्यमंत्री है तो खाली कुर्सी का क्या मतलब है? यह कदम दिखाता है कि वह एक कठपुतली मुख्यमंत्री हैं और यह संविधान का गंभीर अपमान है। मुझे यकीन है कि दिल्ली के लोग इसका संज्ञान लेंगे।”
आतिशी ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा, “मैं चार महीने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम के खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर अयोध्या की देखभाल की थी। अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में गरिमा का उदाहरण पेश किया है, जबकि भाजपा ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे उम्मीद है कि फरवरी चुनावों में लोग केजरीवाल को वापस लाएंगे, और उनकी कुर्सी तब तक मुख्यमंत्री कार्यालय में बनी रहेगी।”