देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बाद सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। इस समस्या को कम करने के लिए दिल्ली में जल्दी ही डबल डेकर वायाडक्ट देखने को मिलेगा। अभी तक करीब इस वायाडक्ट 65% काम पूरा हो चुका है। इसमें लोअर लेवल पर फ्लाईओवर होगा, उसके बाद मेट्रो का एलिवेटेड वायाडक्ट रहेगा और सबसे नीचे सर्विस रोड रहने वाली है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के अन्तर्गत 65.19 किमी लंबे तीन नये मेट्रो कॉरिडोर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इन तीनों कॉरिडोर पर वैसे तो 46 नये मेट्रो स्टेशन बनाये जा रहे हैं लेकिन फेज-4 का सबसे बड़ा आकर्षण दिल्ली में पहली बार बनने जा रहा डबल डेकर वायाडक्ट है। इसके निचले स्तर पर फ्लाईओवर होगा, जिस पर से गाड़ियां निकलेंगी। वहीं, ऊपरी स्तर पर मेट्रो का एलिवेटेड वायाडक्ट होगा, जिस पर मेट्रो चलेगी और सबसे नीचे रोड या सरफेस स्तर होगा।
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में ऐसे दो डबल डेकर वायाडक्ट बनाये जा रहे हैं। इसमें एक पिंक लाइन पर और दूसरा सिल्वर लाइन पर बनेगा। मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि पिंक लाइन पर बन रहा इंटिग्रेटेड एलिवेटेड वायाडक्ट सबसे पहले तैयार हो जाएगा क्योंकि उसका काम काफी पहले शुरू हो गया था। यह पिंक लाइन पर भजनपुरा और यमुना विहार मेट्रो स्टेशनों के मध्य बन रहा है। इसमें एक ही स्ट्रक्चर पर फ्लाईओवर भी बनेगा और वायाडक्ट भी बनेगा।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल के मुताबिक डबल डेकर वायाडक्ट का 65 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो गया है। अब फ्लाईओवर और वायाडक्ट का ढांचा साफतौर से नजर आने लगा है। लगभग 50 प्रतिशत स्लैब डाले जा चुके हैं और अपर डेक के साथ-साथ नीचे फ्लाईओवर के लिए लोअर डेक बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।
डबल डेकर वायाडक्ट की विशेषताएं
वायाडक्ट 1.4 किमी लंबा है
यह 40 खम्भों (पिलर) पर बनेगा
इसकी ऊंचाई 18.5 मीटर होगी
फ्लाईओवर के डेक और मेट्रो लाइन के बीच 10 मीटर का अंतर रखा जाएगा
पूरे स्ट्रक्चर की चौड़ाई 22 मीटर की होगी और जमीन से 6 मीटर ऊंचाई पर होंगे फ्लाईओवर के क्रॉस आर्म
फ्लाईओवर 6 लेन का रहेगा और दोनों ओर 3-3 लेन में ट्रैफिक चलेगा
हालांकि इंटिग्रेटेड सेक्शन के बनने के कारण वजीराबाद रोड के एक बड़े हिस्से पर ट्रैफिक भी सिग्नल फ्री हो जाएगा क्योंकि लोगों को नीचे रोड स्तर पर बनी बृजपुरी क्रॉसिंग और भजनपुरा की क्रॉसिंग पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो सीधे फ्लाईओवर के ऊपर से होते हुए खजूरी खास या गोकुलपुरी की ओर चले जाएंगे और वहां बने फ्लाईओवर्स से होते हुए गाजियाबाद या नॉर्थ दिल्ली की तरफ जा सकेंगे। इस वायाडक्ट निर्माण का काम जनवरी 2020 में ही शुरू कर दिया गया था लेकिन कोविड की वजह से हुई देरी का असर इस पर भी पड़ा और इसीलिए तीन साल बाद भी 35 फीसदी कार्य शेष है।
डीएमआरसी के अधिकारियों ने यह भी साफ कर दिया है कि फ्लाईओवर तो जल्दी बनकर तैयार हो जाएगा लेकिन सुरक्षा के लिहाज से उसे ट्रैफिक के लिए तभी खोला जाएगा, जब मेट्रो लाइन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नीचे फ्लाईओवर बनने के बाद भी ऊपर मेट्रो लाइन पर ट्रेनों के परिचालन की टेस्टिंग होने तक ट्रैक, सिग्नलिंग और इलेक्ट्रिकल वर्क जारी रहेगा। ऐसे में यहां बने फ्लाईओवर पर ट्रैफिक की आवाजाही भी मार्च-अप्रेल 2025 तक ही शुरू हो पाएगी, जब इस सेक्शन पर मेट्रो सर्विस शुरू होगी।