जयपुर। ढाई घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने पूरी राजधानी की सूरत बिगाड़ डाली। तेज बारिश के कारण पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात हो गए। सड़कें दरिया बन गई और घरों व दुकानों में पानी भरने से लोगों को भारी परेशानी के साथ आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। तेज बारिश ने पिछले दो महिनों से चल रही प्रशासन की सारी तैयारियों की पोल खोलकर रख दी।
शुक्रवार सुबह 5 बजे से शुरू हुआ बारिश का दौर सात बजे तक चला। कुछ देर राहत के बाद नौ बजे से फिर बारिश का दौर शुरू हुआ 11 बजे तक चला। इस दौरान तेज बारिश होती रही। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जयपुर में कुल 175 एमएम बारिश दर्ज की गई।
सर्वाधिक बारिश रामगढ़ में 250 एमएम बारिश दर्ज की गई। जयपुर के आस-पास के इलाकों में भी भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने तीन जिलों में रेड अलर्ट और 20 जिलों में आरेंज अलर्ट जारी कर रखा है।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान 163 लोगों को रेस्क्यू किया गया। भारी बारिश को देखते हुए आर्मी को अलर्ट कर दिया गया था। वहीं एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की 13 टीमों को फील्ड में भेजा गया।
भारी बारिश के कारण दृव्यवती नदी पर विद्याधर नगर को शास्त्रीनगर से जोडऩे वाली पुलिया ढ़ह गई। पुलिस ने इस रास्ते पर आवागमन को बंद कर दिया है। बारिश के कारण विधायकपुरी थाने की दीवार भी भरभराकर गिर गई। शहर में कई कच्ची बस्तियों में पानी घुसने और मकानों के गिरने, जल जमाव की शिकायतें बाढ़ नियंत्रण कक्ष को मिली।
सोढ़ाला और भट्टाबस्ती इलाके के नालों में एक-एक युवक के बहने की सूचनाएं मिली। एसडीआरएफ की टीमें इन युवकों को तलाशने के प्रयास कर रही है। वहीं खो-नागोरियान के नाले में एक युवक बह गया। बाद में पुलिस ने उसकी लाश को बरामद कर लिया।
भारी बारिश के कारण विद्युत विभाग की कई पोल गिर गए, तो कई झुक गए। डीपी, ट्रांस्फार्मर गिरने और आएमयू में ब्लास्ट होने के चलते विभाग ने एहतियातन शहर के कई इलाकों मे बिजली सप्लाई को रोक दिया।
तेजी बारिश के बाद शहर के दो ओर पहाड़ों में झरने बहने लगे। इनसे सटे इलाकों में तेज रफ्तार से पानी की आवक हुई, जिसमें कई लोगों के बहते हुए वीडियो वायरल हुए। माउंट रोड, नाहरी का नाका, सुभाष चौक, घाट की गूणी, आगरा रोड पर तेज रफ्तार से बह रहे पानी ने लोगों के दिलों में भय कर दिया। पूरा परकोटा इलाके में सड़कें दरिया बन गई और घुटनों तक पानी आने से दुकानों में पानी भर गया। शहर में कई जगहों पर पेड़ धराशायी हो गए।
शहर के मध्य से निकल रही दृव्यवती नदी अपने पूरे बहाव पर बह रह थी। इस नदी के दो सहायक नाले सी-स्कीम का गंदा नाला और जवाहर नगर नाला भी पूरे उफान पर दिखा। अगर कुछ देर और बारिश होती तो शायद दृव्यवती नदी ओवरफ्लो कर जाती। कानोता बांध भी इस बारिश में पूरा भर गया और बांध पर चादर चलने लगी।
शहर के बाहरी इलाकों में भी सड़कें पानी से लबालब रही। जयपुर जंक्शन और गांधीनगर स्टेशन पर पटरियां पानी में डूब गई, जिससे रेलों के संचालन में बाधा आई। बाहरी इलाकों में भी कई जगहों पर मकानों और दुकानों में पानी भरने से भारी नुकसान हुआ।
पुरातत्व विभाग के मुख्यालय अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में पानी भर गया। संग्रहालय में पांच-पांच फीट तक पानी भर गया, लेकिन कर्मचारियों ने सजगता दिखाते हुए बेसमेंट में रखी प्राचीन ममी को बाहर निकाल लिया और उसे सुरक्षित रखा गया। पानी के कारण संग्रहालय का रिकार्ड व गोदाम में रखा अन्य सामान खराब हो गया।