राजस्थान आवासन मंडल ने इंडसइंड बैंक के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रताप नगर स्थित मुख्यमंत्री शिक्षक एवं प्रहरी आवासीय योजना के तहत 500 फ्लैट्स में डिजिटल डोर नंबर (डीडीएन) लगाने की शुरुआत की है। क्यू आर कोड और यूनिक नंबर आधारित सेवा से जुड़ने के बाद आवासीय योजनाओं में ना केवल आवास या फ्लैट्स खोजना आसान होगा। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस जैसी सुविधाएं भी सीधे घर के दरवाजे तक आसानी से पहुंच सकेगी।
मंगलवार 18 जुलाई को आवासन मंडल के मुख्यालय आवास भवन पर हुई एक बैठक में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा को इंडसइंड बैंक के कंट्री हेड श्री अंकित पारीक (सरकारी बैंकिंग समूह) और श्री एजाज आदिल ने क्यूआर कोड का सैंपल सौंपा।
अरोड़ा ने बताया कि डिजिटल डोर नंबर या क्यूआर कोड लगने के बाद रहवासियों को घर तलाशने में कोई दिक्कत नहीं होगी। पते के रूप में मिले क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन करते ही गूगल मैप की मदद से मकान की लोकेशन, उसकी तस्वीर सब कुछ मिल जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शिक्षक एवं प्रहरी योजना में इसकी शुरूआत की जा रही है। प्रयोग सफल होने पर अन्य योजनाओं को भी इस अत्याधुनिक सुविधा से जोड़ा जाएगा।
इस दौरान इंडसइंड बैंक से आए प्रतिनिधियों ने क्यूआर कोड तकनीक पर आधारित डिजिटल डोर नंबर के बारे में विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में इस सुविधा के साथ डोर स्टेप सर्विस, इमरजेंसी सर्विस जैसे फायर ब्रिगेड, पुलिस, कार मैनेजमेंट सिस्टम सहित अन्य जरूरी सुविधाओं को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि भविष्य में नगर निगम इस योजना में सहभागिता करता है, तो निगम के टैक्स वसूली, नोटिस आदि का वितरण भी इसके माध्यम से हो सकता है। यही नहीं डोर स्टेप डिलीवरी और ऑनलाइन शॉपिंग में भी आमजन को इस सुविधा से लाभ मिलेगा।
बैठक में मंडल सचिव अल्पा चौधरी, वित्तीय सलाहकार संजय शर्मा, मुख्य अभियंता मनोज गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमित अग्रवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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