जयपुर

राजस्थान के सभी जिलों में पेयजल (Drinking water) जांच प्रयोगशालाओं (testing laboratories) को मिला एनएबीएल एक्रिडिटेशन (accreditation)

जयपुर। राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के तहत प्रदेश में पेयजल (Drinking water) गुणवत्ता जांच के लिए समस्त जिलों में संचालित पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं (testing laboratories) के एनएबीएल एक्रिडिटेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। पीएचईडी में राजधानी जयपुर में मुख्यालय पर राज्य स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला स्थापित है, इसके अलावा अन्य 32 जिलों में जिला स्तरीय प्रयोगशालाएं चलाई जा रही है। अब इन सभी 33 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र संस्था नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फोर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) से प्रमाणीकरण मिल गया है।

जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों मे आमजन को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पीएचईडी द्वारा पीने पानी की गुणवत्ता जांच से सम्बंधित सुविधाओं के विस्तार पर लगातार फोकस किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को पूरे प्रदेश संचालित पेयजल योजनाओं के माध्यम से जनता को नियत समय पर निर्धारित मात्रा में गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए सुधारात्मक प्रयास निरतंर जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

देश में एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फोर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रीज) जांच प्रयोगशालओं के प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर की एक स्वतंत्र संस्था है। इसके द्वारा आईएसओ/आईईसीः17025 के तहत परीक्षण प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रमाणीकरण दिया जाता है। प्रदेश में सभी जिलों में चल रही गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं ने निर्धारित प्रक्रिया से गुजरते हुए एनएबीएल प्रमाणीकरण प्राप्त किया है।

आमजन को 16 बिन्दुओं पर गुणवत्ता जांच 600 रुपये में

जलदाय मंत्री ने बताया कि सभी नागरिकों के लिए 16 बिंदुओं पर आधारित पेयजल गुणवत्ता परीक्षण की दर 1000 रुपए से घटाकर 600 रुपए की गई है। इससे प्रदेश की सभी एनएबीएल एक्रीडेटेड जिला स्तरीय गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं में लोगों को फलोराइड, नाईट्रेट, थर्माे टॉलरेंट कॉलीफॉर्म बैक्टिरिया, टोटल कोलोफॉर्म बैक्टेरिया, आर्सेनिक, आयरन, सल्फेट, क्लोराइड, रेजिड्यूअल क्लोरिन, टोटल हार्डनेस, टोटल अल्केलिनिटी, टर्बिनिटी, टोटल डिजोल्वड सॉलिड, पीएच, कलर और ऑडर के 16 बिन्दुओं पर आधारित गुणवत्ता जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

ब्लॉक्स पर 102 नई प्रयोगशालाएं, कैमिस्ट कैडर में नए पद भी मंजूर

डॉ. जोशी ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चालू वित्तीय वर्ष में 102 नई ब्लॉक स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाएं भी स्थापित होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता जांच से सम्बंधी कार्यों में और अधिक सघनता के लिए पीएचईडी में मुख्य रसायनज्ञ कार्यालय के तहत 10 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी दी है। इनमें मुख्य रसायनज्ञ का एक अतिरिक्त पद, अधीक्षण रसायनज्ञ के 3 तथा वरिष्ठ रसायनज्ञ के 6 पद शामिल है।

पानीपेच में राज्य स्तरीय प्रयोगशाला का नया भवन

जलदाय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में डब्ल्यूक्यूएमएस के तहत वर्ष 2020-21 की वार्षिक योजना में 67 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही राज्य के 353 पंचायत समिति मुख्यालयों में से 102 में ब्लॉक स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि पीएचईडी के तहत जयपुर में चल रही राज्य स्तरीय प्रयोगशाला का नया भवन बनाने के लिए 3 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, स्टेट लेबोरेट्री का यह भवन पानीपेच में बनाया जाएगा, इसके लिए स्थान चिह्वित कर लिया गया है।

ग्राम पंचायतों में फील्ड टेस्टिंग किट का वितरण

डॉ. जोशी ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए 11 हजार 343 ग्राम पंचायतों में वितरण के लिए 12 हजार से अधिक फील्ड टेस्टिंग किट की खरीद की गई है। अब तक करीब 8 हजार किट का वितरण किया जा चुका है।

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