जयपुर

नगर निगम में ‘धर जा, अर मर जा’ की गूंज

एसीबी के हत्थे चढ़ा ठेकेदार हमेशा डायरी में मेंटेन करता था कमीशनबाजी का हिसाब

जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों और ठेकेदारों में इन दिनों कोरोना विस्फोट चल रहा है। निगम के अधिकांश अधिकारी छुट्टियों पर चल रहे हैं और कार्यालय सूने पड़े हैं। कहा जा रहा है कि अधिकारियों को एसीबी के नाम से कोरोना हो गया है। वहीं ठेकेदार भी निगम से विलुप्त हो गए हैं। इस बीच कर्मचारियों के बीच ‘धर जा अर मर जा’की गूंज सुनाई दे रही है। कर्मचारी एसीबी रेड की कहानी चटखारे ले-लेकर एक दूसरे को सुना रहे हैं।

निगम सूत्रों का कहना है कि एसीबी ने जिस गोपी ठेकेदार को ट्रेप किया है, वह विगत एक दशक से कई उच्चाधिकारियों के लिए दलाली का काम कर रहा था और उसका प्रमुख डॉयलॉग था कि ‘धर जा अर मर जा’। गोपी ठेठ ढूंढाड़ी भाषा में ठेकेदारों से बात करता था और उधार का काम नहीं करता था। वह ठेकेदारों के सामने एक डायरी रखकर कहता था कि धर जा और मर जा। इसका मतलब यह कि ठेकेदार उस डायरी पर कमीशन की राशि रख दे, उसका काम हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि गोपी ठेकेदार के सामने ही उसके द्वारा दी गई कमीशन राशि, किस काम के लिए कमीशन दिया जा रहा है और किस अधिकारी को कमीशन देना है, उसका इंद्राज अपनी डायरी में कर लेता था। निगम में चर्चा है कि एसीबी ने यही डायरी बरामद कर ली है।

सूत्र कह रहे हैं कि डायरी के डर से ही निगम के कई अधिकारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं। वहीं ठेकेदारों में भी जबरदस्त भय का माहौल है क्योंकि गोपी की डायरी में उनके नाम हैं, हो सकता है कि ठेकेदारों पर भी रिश्वत देने के आरोप में कार्रवाई हो जाए। निगम में चर्चाएं चल रही है कि गोपी के फोन से भी कई कमीशनबाज अधिकारियों और ठेकेदारों के नाम सामने आ सकते हैं।

इस बीच एसीबी से भी अपुष्ट जानकारी आई है कि एसीबी टीम ने गोपी के पास से कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों में गोपी की ‘धर जा अर मर जा’ वाली डायरी भी हो सकती है। कहा जा रहा है कि एसीबी इन दस्तावेजों की जांच में लगी है। इसलिए निगम अधिकारियों को डर है कि एसीबी निकट भविष्य में कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

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