राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक बुजुर्ग ने वो कर दिखाया जो लोग सोचते ही रह जाते हैं पर असंभव पाते हैं । चिड़ावा कस्बे के 70 वर्षीय मिस्त्री कन्हैयालाल जांगिड़ ने कबाड़ से इको-फ्रेंडली कार बनाने में कामयाबी हासिल की है।
इस कार की ख़ास बात ये है कि यह एक बार चार्ज करने के बाद 70 किमी तक का सफर तय कर लेती है। इसे चार्ज करने में करीब एक-डेढ़ घंटा तथा 10-12 रुपए का खर्च आता है। जांगिड़ सूरजगढ़ मोड़ पर गाड़ी ठीक करने का कार्य करते हैं।यही से उनको एक ऐसी कार बनाने का विचार आया जो कम से कम लागत में बन जाये ।
तीन महीने से जोड़ रहे थे स्पेयर पार्ट्स
इसके लिए वे काफी समय से तैयारी कर रहे थे।दो-तीन महीने पहले उन्होंने गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स जुटाए और उनसे एक कार बना दी। इसके लिए उन्होंने मोटर, गाड़ियों की बैटरी, ई- रिक्शा के टायर आदि सामान काम में लिए। इस पर रंग का काम बाकी है।
नौवीं में हो गए थे फेल
जांगिड़ ने बताया कि उन्होंने शौकिया तौर पर ही कार खुद के उपयोग के लिए बनाई है। जांगिड़ महज आठवीं तक पढ़े हुए हैं। जांगिड़ के अनुसार घर की जिम्मेदारी और नौवीं में फेल होने के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी।इसके बाद वे अलग-अलग जगह पर रोजगार की तलाश में निकले। कुछ साल मुंबई में भी काम किया।
पहले बनाई थी पोते के लिए मिनी कार
वहां एक कारखाने में इंजीनियर भी कम्प्रेशर को ठीक नहीं कर पाए, उसे जांगिड़ ने ठीक कर दिखाया। जांगिड़ ने कुछ साल पहले छोटे बच्चों के लिए मिनी कार भी बनाई थी, जो 80 किलो तक वजन उठा सकती है। मिनी कार में 12 वोल्ट की बैटरी, मोटर लगा रखी है। यह एक बार चार्ज करने के बाद दिनभर चल सकती है। यह कार उन्होंने अपने पोते के लिए बनाई थी।
12 रुपये में 70 किमी
जांगिड़ ने बताया कि कार में 48 वोल्ट की चार बैटरियां लगा रखी हैं। लेकिन जल्द ही इसे एक बैटरी से चलाया जाएगा। बैटरियों को चार्ज करने में 10- 12 रुपए का खर्च आता है। इसके बाद कार करीब 70 किमी तक चल सकती है।
डेढ़ लाख के खर्चे में बनी ये कार
जांगिड़ ने बताया कि उन्होंने शौकिया तौर पर ही कार खुद के उपयोग के लिए बनाई है। कार में एक साथ चार लोग सवार हो सकते हैं। इसके लिए आगे और पीछे दो-दो सीट भी लगी हैं। कार बनाने में डेढ-दो लाख रुपए का खर्चा आया। कार की अधिकतम स्पीड 25-30 किमी है। इसमें पांच क्विंटल तक वजन वहन करने की क्षमता है।