प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने दिल्ली के मंत्री और आप नेता कैलाश गहलोत से दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को पूछताछ की। गहलोत वर्तमान में दिल्ली सरकार में गृह, परिवहन और कानून मंत्री हैं। ईडी ने गहलोत से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी ने उनसे नीति का मसौदा तैयार करते समय अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में पूछा।
ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से आबकारी नीति के संबंध में पूछताछ की और उनसे कई सवाल पूछे जो आबकारी नीति से जुड़े हुए थे। उसे आबकारी नीति और उनसे जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों पर सवाल किया गया है।
आबकारी नीति के लिए बनी थी मंत्रियों की कमेटी
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व शहरी विकास मंत्री सत्येन्द्र जैन के साथ मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) बनाया गया था। मंत्रियों का यह समूह 2021-22 के लिए नई शराब योजना बनाने की लिए बनाई गई थी। कैलाश गहलोत उसके हिस्सा थे।
बता दें कि ईडी ने मामसे में सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और अब कुछ दिन पहले अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे में ईडी के अधिकारियों ने अब कैलाश गहलोत पर शिकंजा कसना शुरू किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारियों ने उनसे आबकारी नीति से संबंधित कई सवाल पूछे हैं और उनसे जानकारी मांगी।
कैलाश गहलोत पर ईडी ने कसा शिकंजा
ईडी ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति “साउथ ग्रुप” शराब लॉबी को लीक की गई थी, जिसमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता शामिल थीं। ईडी ने के.कविता को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
एजेंसी ने आप सरकार के मंत्रियों पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। ईडी के आरोप पत्र में गहलोत का नाम का भी जिक्र है। उन पर भी ईडी ने आबकारी शामिल में हुए भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया है और अपने आरोपपत्र में ईडी के अधिकारियों ने इसका जिक्र भी किया था।
अब ईडी के अधिकारी जब सीएम अरविंद केजरीवाल सहित उनके मंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुके हैं, तो अब अशोक गहलोत से भी इस बारे में पूछताछ की गई है।