पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पूर्वी राजस्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इससे 13 जिलों के निवासियों की सिंचाई एवं पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा। इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाना चाहिए। यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार लगातार केन्द्र सरकार से मांग कर रही है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होने पर राज्य सरकार स्वयं के खर्च पर इस परियोजना को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ईआरसीपी के लिए 14 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत कर कार्य जारी किया है।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, भरतपुर एवं अलवर जिलों के 53 बांधों को ईआरसीपी से जोड़ने पर धन्यवाद ज्ञापित करने आए प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के जिलों के लोगों को एकजुट होकर केन्द्र सरकार पर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का दबाव बनाना चाहिए।
लोकतंत्र में भय का स्थान नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान ने सभी नागरिकों को समानता का अधिकार दिया है। कोई भी सरकार किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भय का स्थान नहीं है। राजस्थान से केन्द्र सरकार में 25 सांसद निर्वाचित हुए हैं। इन्हें ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की केन्द्र सरकार से मांग करनी चाहिए।
सर्वांगीण विकास से राजस्थान बना देश का अग्रणी राज्य
गहलोत ने कहा कि राजस्थान सर्वांगीण विकास से देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य की कई योजनाएं एवं फैसले अन्य राज्यों के लिए मिसाल हैं। स्वास्थ्य का अधिकार, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी कानून जैसे फैसले बेमिसाल हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार ने कानून बनाकर देश के नागरिकों को शिक्षा, सूचना, खाद्य सुरक्षा एवं महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगार का अधिकार दिया। राज्य सरकार लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रुपए मासिक पेंशन देकर सामाजिक सुरक्षा दे रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से भी कानून बनाकर देश में एक समान रूप से सामाजिक सुरक्षा की गारंटी लागू करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बेहतरीन फैसलों से जनता को महंगाई से राहत प्रदान की है। सौ यूनिट घरेलू एवं 2000 यूनिट कृषि बिजली निःशुल्क देने, अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 500 रुपए में गैस सिलेण्डर देने से आमजन पर आर्थिक बोझ कम हुआ है। केन्द्र सरकार को भी राज्य सरकार की तरह 500 रुपए में गैस सिलेण्डर उपलब्ध करवाना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। लम्पी रोग से मृत गायों के लिए पशुपालकों को प्रति गाय 40-40 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है। मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के माध्यम से प्रति परिवार दो दुधारू पशुओं का बीमा किया गया है। राज्य सरकार ने 5 साल में गौशालाओं और नंदीशालाओं को 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण राजस्थान जीडीपी विकास दर के मामले में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। राज्य में सड़क तंत्र सुदृढ किया जा रहा है। एक लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए ‘राजस्थान मिशन-2030‘ शुरू किया है। अभी तक लगभग 2 करोड़ लोगों से उनके सपनांे के राजस्थान पर सुझाव लिए जा चुके हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग, विधायक इंदिरा मीणा, लाखन मीणा, पीआर मीणा सहित विभिन्न जिलों से आए लोग उपस्थित रहे।