पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा को वीआरएस मांगने और मंजूर होने में महज चार घंटे लगे। शुक्रवार को सीएम भजन लाल शर्मा के दिल्ली जाने के बाद केन्द्र ने राज्य सरकार से डीजीपी पद के लिए पैनल मांगा था। इसकी सूचना डीजीपी उमेश मिश्रा को लगी तो उन्होंने कार्मिक विभाग से जानकारी ली। इसी दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मिश्रा के पास दिल्ली से फोन आया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी अन्य आईपीएस को भी मौका मिलना चाहिए। इसके बाद करीब 3 बजे डीजीपी ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया। शाम सात बजे वीआरएस मंजूर कर सरकार ने यूआर साहू को कार्यवाहक डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी। सरकार ने डीजीपी के लिए पैनल यूपीएससी को भेजा है। पैनल में उन अफसरों के नाम हैं, जिनकी सर्विस 30 साल से ज्यादा है। वीआरएस मंजूर होते ही मिश्रा ने सरकारी आवास छोड़ दिया।
डीजीपी साहू ने पद संभाला
वरिष्ठ आईपीएस अफसर यूआर साहू ने पुलिस मुख्यालय में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार संभाल लिया। साहू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। साहू राजस्थान पुलिस के 36 वें डीजीपी हैं। इस मौके पर साहू ने कहा कि महिला अपराध, गैंगवार और साइबर क्राइम रोकना पहली प्राथमिकता है।
साहू के स्थायी होने की संभावना
नवंबर 2024 में मिश्रा का रिटायरमेंट था। इससे पहले यूआर साहू सहित 4 आईपीएस रिटायर हो जाते। मिश्रा के पद छोड़ने के बाद साहू को मौका मिला है। पैनल में साहू या कोई अन्य स्थायी डीजीपी बना सकते हैं। हालांकि साहू के स्थायी डीजीपी बनने की सर्वाधिक है। वर्ष 2018 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही डीजीपी ओपी गल्होत्रा को हटाकर कपिल गर्ग को डीजीपी बनाया था।