लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन पर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि यह उनके संगठन के लोगों की 10 वर्षों की लगातार तपस्या और लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है और संगठन इसका स्वागत करता है।
संगठन का यह भी कहना है कि देश में पूरी तरह खुशियां तब मनाई जाएंगी जब जनसंख्या विस्फोट और जनसांख्यिकीय असंतुलन के समाधान के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधानों वाला जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर केन्द्र सरकार द्वारा उसे लागू जाएगा।ज्ञात रहे की जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन विगत 10 वर्षों से भी अधिक समय से देशभर में जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर अभियान चला रहा है। अभियान के इस क्रम में देशभर के 24 राज्यों के 400 से अधिक जिलों में संगठन द्वारा अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए लगातार बैठक, बड़ी-बड़ी रैलियां, छोटी-छोटी और बड़ी-बड़ी सभाएं रैलियां, पदयात्राएं, प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर प्रत्येक जिलामुख्यालय पर जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम ज्ञापन आदि भेजता रहा है।
जेएसएफ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आनंद स्वरूप अग्निहोत्री ने बताया कि 29 अक्टूबर 2023 को जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के समर्थन में देशभर से प्राप्त एक करोड़ 20 लाख हस्ताक्षरों को लेकर 20 हजार लोगों की जनसंख्या रैली को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर रोका गया था। बाद में वहां से धरना उठाए जाने की स्थिति में संगठन के निर्णय के अनुरूप राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने गाजियाबाद में आमरण प्रारंभ किया जिसका साथ संगठन के देशभर के लोगों ने निभाया था।
अनशन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में संगठन के लोगों की बैठक हुई तथा उसमें एक समिति बनाने की बात पर सहमति बनी। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर ही केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, लोकसभा के उपसभापति सांसद राजेंद्र अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय पर समिति बनाने के आश्वासन के साथ अनिल चौधरी का अनशन तुड़वाया था।
आज संगठन के पदाधिकारियों ने ने देशभर में अलग-अलग स्थान पर इस पर संतोष व्यक्त किया है परन्तु साथ ही यह भी बताया कि संगठन इस पर अपनी तैयारी कर रहा है। देशभर के कार्यकर्ता अपनी 1 वर्ष की आगामी कार्य योजना बना चुके हैं। संगठन का यह भी मानना है कि इस सरकार को पुनर्स्थापित होना आवश्यक है क्योंकि जनसंख्या नियंत्रण कानून और यूनिफार्म सिविल कोड सहित अनेक विषयों पर देश के अधिकांश लोगों की आशाएं इसी सरकार से हैं।
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