चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आमजन कोरोना काल में किसी भी बीमारी में चिकित्सा सुविधा का लाभ पाने के लिए टेली कंसल्टेंसी सेवाओं का उपयोग करें। प्रदेशवासी ई संजीवनी ओपीडी पर जाकर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
आमजन को कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए सामान्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टेली कंसलटेंसी सेवा का शुभारंभ किया गया था। आमजन की सुविधा के लिए अब इस सेवा को ई मित्र के माध्यम से भी सुलभ करवाया गया है। प्रात: 8 से अपरान्ह 2 बजे तक ई मित्र के माध्यम से भी टेली कंसल्टेंसी सेवा के लिए आनलाइन पंजीयन कर उपचार व परामर्श प्राप्त किया जा सकता है।
ऑक्सीजन की खपत बढ़कर 31 हजार 425 सिलेंडर प्रतिदिन हुई
शर्मा ने बताया कि राज्य में तीन माह पूर्व ऑक्सीजन की खपत लगभग 6500 सिलेंडर प्रतिदिन थी जो वर्तमान में बढ़कर 31 हजार 425 सिलेंडर प्रतिदिन हो गई है। इस अप्रत्याशित मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार भरसक प्रयास कर रही है।
राज्य में कोविड-19 महामारी के कारण मरीजों की संख्या में हो रही निरन्तर वृद्धि के कारण आपातकालीन में मेडीकल ऑक्सीजन सिलेंडर्स की माँग लगातार बढ़ रही है। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि ऑक्सीजन के प्रबंध के लिए राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर प्रयास किये है। आपात हालात को देखते हुए जामनगर (गुजरात) से ऑक्सीजन टैंकरों की वायु मार्ग से आपूर्ति की गई है। साथ ही राज्य में 1000 सिलेंडर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का अलवर जिले में नया संयंत्र लगाया गया है।
अगले सप्ताह तक 1200 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का संयंत्र दरीबा (राजसमंद) में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके अलावा 500 सिलेंडर का उत्पादन शीघ्र ही शुरू हो रहा है। समयबद्ध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन टैंकर्स में जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं एवं वाहनों की निगरानी राज्य नियंत्रण कक्ष से की जा रही है।
ऑक्सीजन की औद्योगिक प्रयोजनार्थ आपूर्ति पूर्णत: बंद करते हुए समस्त आपूर्ति को मेडीकल प्रयोजनार्थ सुनिश्चित किया गया है। औद्योगिक कार्यों में उपयोग में आ रहे सिलेंडर्स को अधिग्रहित कर मेडीकल प्रयोजन के लिए उपलब्ध कराये गये है। ऑक्सीजन के उत्पादन संयत्रों पर राजकीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाकर उनका समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करने हेतु पर्यवेक्षण किया जा रहा है।