क्या भाजपा में खड़ी होगी नई लीडरशिप?
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले कद्दावर नेता घनश्याम तिवाड़ी की भाजपा में घर वापसी की चर्चाएं जोरों पर है। कहा जा रहा है कि भाजपा प्रदेश में नई लीडरशिप की तलाश में है।
पिछले दिनों प्रदेश में हुए राजनीतिक घटनाक्रम ने राजस्थान में भाजपा की लीडरशिप पर सवाल खड़े कर दिए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रदेश भाजपा लीडरशिप पर जमकर चुटकियां ली थी और भाजपा को साफ इशारा कर दिया था कि भाजपा जो कांग्रेस के साथ कर रही है, कहीं ऐसा उनके साथ नहीं हो जाए।
इस दौरान गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आपसी समीकरणों की खबरें भी जोरों पर रही। गहलोत की राजनीतिक चालों के आगे भाजपा का वर्तमान प्रदेश नेतृत्व असहाय सा नजर आया। इसी को देखते हुए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में भाजपा की नई लीडरशिप तैयार करे।
हाल ही में कुछ मीडिया संस्थानो ने तिवाड़ी की भाजपा में वापसी की खबरों को सुर्खियां बनाने का प्रयास किया है। टीवी चैनल्स ने तो यहां तक कह दिया है कि तिवाड़ी की भाजपा में वापसी की संभावनाओं को लेकर खुद भाजपा अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ही प्रयास कर रहे हैं। हालांकि इस मामले में पूनिया ने कुछ भी कहने से इनकार किया है।
वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ द्वारा भी तिवाड़ी की वापसी के प्रयासों को प्रमुखता से उठाने का दावा किया जा रहा है। दैनिक अखबारों ने भी इसको लेकर तरह-तरह से कयासबाजी लगाते हुए खबरें प्रकाशित की है।
बताया जा रहा है कि राज्य में राजे को कमजोर करने के राष्ट्रीय प्रयासों के तहत तिवाड़ी के लिए भाजपा में वापसी के दरवाजे खोले जा रहे हैं। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह कह पाना अभी मुश्किल है, लेकिन इस खबर से तिवाड़ी के समर्थक जरूर खुश नजर आ रहे हैं। यह बात और है कि तिवाड़ी ने खुद इस बारे में अभी कुछ नहीं बोला है।