जयपुर। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटियों को धर्मस्थलों को खोलने के सुझाव मिलने शुरू हो गए हैं।
शहर के प्रमुख धार्मिक स्थल गोविंददेव मंदिर के प्रबंधन की ओर से कमेटी को सुझाव पेश किए गए हैं। सुझावों में कहा गया है कि मंदिर में जुलाई माह में दर्शनार्थियों को मंगला और शयन झांकियों के दर्शन नहीं होंगेे। धूप और राजभोग आरती पर सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 और संध्या से ग्वाल आरती पर शाम 4.30 से रात 7.30 बजे तक पट खुले रहेंगे।
ठिकाना मंदिर गोविंददेव जी जयपुर, कामां, मथुरा, वृंदावन के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर ने 50 पुलिसकर्मियों की मांग की है। मंदिर में आयुर्वेदिक हैंड सेनेटाइजर का उपयोग होगा, दर्शनार्थियों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
जुलाई माह में रविवार, एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा पर प्रवेश नहीं होगा। प्रसाद, चरणामृत, विभूति, चंदन, तुलसीपत्र, पुष्प का वितरण नहीं होगा। परिक्रमण बंद होगी, लोग समूह में नहीं खड़े हो पाएंगे। दूरी बनाकर क्रमबद्ध तरीके से दर्शन कराए जाएंगे। माला, मिठाई, नारियल का अर्पण निशेध होगा।
गोस्वामी ने कहा कि उन्होंने सरकार से कथा, भागवत, प्रसादी में 50 लोगों की अनुमति मांगी है। लॉकडाउन में सेवा भेंट प्राप्त नहीं होने के कारण सरकार बिजली के बिल माफ करे, माफ नहीं करने की स्थिति में जमा कराने की तिथि नवम्बर तक बढाई जाए।
मंदिरों की एफडीआर, टीडीआर से कटने वाले टीडीए में रियायत दी जाए। मंदिरों पर और भोग सामग्री पर लगने वाली जीएसटी माफ किया जाए। मंदिरों को भोग के लिए सूखा राशन प्रदान किया जाए।
मंदिर सेवागीरों को वेतन देने में असमर्थ हो गया है, इसलिए सरकार अनुदान दे। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नंदोत्सव और शोभायात्रा पर सरकार 25 जुलाई तक निर्णय दे। गाइडलाइन की पालना में चूक होने पर मंदिर में किसी प्रकार का चालान नहीं काटा जाए।