जयपुर। गुर्जर आरक्षण आंदोलन आज देर रात राजस्थान सरकार से हुए समझौते के बाद समाप्त हो गया है। यद्यपि औपचारिक घोषणा पीलुपुरा गांव में रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर समाज के सामने की जाएगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार ने गुर्जर समाज की ज्यादातर मांगें स्वीकार कर ली हैं।
आंदोलन के दौरान मृतकों के परिवारजन को मिलेगी नौकरी
जो बातें स्वीकार की गई हैं उनमें आंदोलन के दौरान मारे गए 3 लोगों के परिवार के 1 व्यक्ति को योग्यतानुसार नौकरी देने की बात सरकार ने मान ली है। मुख्यमंत्री सहायता कोष मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए भी दिए जाएंगे। इसके अलावा आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों की हर तीसरे महीने समीक्षा की जाएगी और धीरे-धीरे मुकदमे वापस किए जाएंगे। एमबीसी वर्ग के 1252 कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष वेतन श्रंखला देने संबंधी आदेश कार्मिक विभाग ने जारी कर दिए हैं। प्रक्रियाधीन भर्तियों के लिए समिति गठित होगी जो कानूनी आधार को जांचेगी और अन्य राज्यों में आरक्षण के संर्दभ में परीक्षण करेगी। इसके अलावा राजस्थान की गुर्जर आरक्षण समिति का पक्ष भी सुना जाएगा।
दोपहर से चल रही थी वार्ता
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार और गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों के मध्य जयपुर में दोपहर बाद वार्ता हुई। इसमें कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, उनके पुत्र विजय और समाज के अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। इन लोगों के साथ राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य, डीजीपी एमएल लाठर, गृह विभाग के प्रधान सचिव अभय कुमार, वित्त व कार्मिक विभाग के प्रमुख अधिकारियों ने बातचीत की। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते पर राजस्थान गुर्जर आरक्षण समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री बी.डी. कल्ला, श्रम मंत्री टीका राम जूली, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने हस्ताक्षर किए।