जयपुर। राजस्थान विधानसभा के शुक्रवार को शुरू हुए सत्र के हंगामेदार रहने के आसार थे और हुआ भी यही। सदन में समय-समय पर हंगामा होता रहा। हंगामें में प्रमुख निशाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट रहे।
सत्र की शुरूआत में सत्ता पक्ष की ओर से मुख्य सचेक महेश जोशी ने विश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा। सदन शुरू होते ही विपक्ष की ओर से गहलोत और पायलट पर कटाक्ष किए जाने लगे। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने गहलोत की ओर से सचिन पायलट के लिए दिए गए निकम्मा-नाकारा वाले बयान पर बोलना शुरू किया और कहा कि पायलट मेहनती नेता है।
जिस आदमी ने 6 साल जमकर मेहनत की और पार्टी को 21 विधायकों से उठाकर जीतने वाली जगह पर खड़ा कर दिया, उसके लिए मुख्यमंत्री का बयान ठीक नहीं है। कटारिया ने कहा कि सरकार में जो कुछ हुआ, वह उनके घर की लड़ाई है, लेकिन इस सब के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और आमेर से विधायक सतीश पूनियां ने गहलोत को घेरते हुए कहा कि राजस्थान का जुगाड़ मशहूर है, जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर है, जो एलिफेंट ट्रेडिंग के आविष्कारक हैं। उन्होंने कोरोना कुप्रबंधन, बढ़ते अपराध, किसान कर्जमाफी, टिड्डी समस्या, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और कहा कि प्रदेश की जनता परेशान होती रही और सरकार फाइव स्टार बाड़ेबंदी में बैठी रही।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की सियासत में यह शांति तूफान से पहले की शांति है। डेढ़ महीने से हाईप्रोफाइल ड्रामे को प्रदेश की जनता देख रही है। जिसने 6 साल मेहनत की, पुलिस की लाठियां खाई और पार्टी की जीत की स्थिति में पहुंचाया, वही व्यक्ति निकम्मा और नाकारा हो गया।