जयपुर। नगर निगम को दो भागों में बांट कर हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम बनाया गया है। हालांकि इस बंटवारे के खिलाफ न्यायालय में वाद चल रहा है। दो दिन पूर्व दोनों निगमों में जोनों के स्थान चिन्हित करने का काम निगम प्रशासन की ओर से किया गया। इसके साथ ही निगम के अधिकारियों में भगदड़ मच गई है।
जानकारी के अनुसार अधिकारी हैरिटेज नगर निगम में नहीं जाना चाह रहे। आरएमएस स्तर के अधिकारी इन दिनों स्थानीय नेताओं, विधायकों के घरों के साथ-साथ स्वायत्त शासन मंत्री तक भागदौड़ में लगे हैं और इस कोशिश में लगे हैं कि उन्हें हैरिटेज नगर निगम में नहीं लगाया जाए। इसके लिए विधायकों और मंत्री से सिफारिश की कोशिशें जारी है।
कहा जा रहा है कि हैरिटेज नगर निगम में जनसंख्या घनत्व अधिक होने, सफाई व्यवस्था खराब होने, सीवर लाइनों की बदहाल स्थिति व राजनैतिक दबाव अधिक होने के कारण अधिकारी इस निगम में जाने से बच रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि यहां काम करने में उन्हें आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
अधिकारी चाहते हैं कि उन्हें ग्रेटर निगम में ही लगाया जाए, क्योंकि यहां जनसंख्या घनत्व कम होने के कारण सफाई की स्थिति अच्छी है व अन्य समस्याओं से भी उन्हें दो चार नहीं होना पड़ेगा।