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जयपुर के आराध्य गोविंददेव जी मंदिर के बाहर भद्रा पुच्छ में ठीक रात्रि 9:05 बजे पर होगा होलिका दहन

आर्ष दिग्दर्शक संस्था की ओर से जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी के आशीर्वाद से गोविंद देवजी मंदिर के बाहर होलिका दहन इस बार 17 मार्च को रात्रि 9:05 बजे भद्रा पुच्छ में होगा। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए होली में लकड़ियों के बजाय गौकाष्ठ का उपयोग किया जाएगा। होलिका दहन से पूर्व ढप और चंग पर धमाल होगी। विभिन्न मंदिरों के संत-महंतों के सान्निध्य में प्रहलाद का पूजन किया जाएगा। रात्रि ठीक  9:05 बजे होलिका दहन होगा। प्रज्जवलित अग्नि में कपूर, लोबान सहित कई औषधियां अर्पित की जाएगी। श्रद्धालु अपनी कॉलोनी, गली, मोहल्लों के लिए जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी के द्वार से अग्नि ले जा सकेंगे।

होलिका दहन मुहूर्त को लेकर असमंजस

जयपुर ज्योतिषियों का केंद्र है और यही वजह है कि यहां पर ज्योतिषीय कार्यों को लेकर अक्सर मतभेद भी सामने आता रहा है। इस बार भी होलिका दहन को लेकर ज्योतिषियों के बीच मतभेद देखने को मिल रहा है। ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि गुरुवार, 17 मार्च 2022 को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है और दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर पूर्णिमा की शुरुआत होगी। पूर्णिमा शुक्रवार, 18 मार्च 2022 को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। प्रदोष काल में पूर्णिमा होने के कारण 17 मार्च को होली मनाई जा रही है।

इसके अलावा इसी दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 1 बजकर 09 मिनट तक भद्रा भी रहेगी। होलिका दहन में भद्रा टाली जाती है किंतु भद्रा का समय अगर निशीथ काल के बाद चला जाता है तो होलिका दहन भद्रा मुख को छोड़कर भद्रा पुच्छ्काल या प्रदोषकाल में करना श्रेष्ठ समझा जाता है। यही वजह है कि होलिका का दहन भद्रा के पुच्छकाल में रात 9 बजकर 2 मिनट से रात 10.04 बजे तक करना होगा। इस दौरान केवल 72 मिनट में ही होलिका दहन किया जा सकता है। यदि इसके बाद होलिका दहन करना है तो मुहूर्त रात्रि 1.15 बजे का रहेगा।

ठाकुर जी संग खेलेंगे गुलाल होली:

 जयपुर में 17  मार्च को होली के दिन गोविंद देव जी मंदिर में राजभोग आरती (10:45 से 11:30 बजे तक) के बाद मंदिर छावण में गुलाल होली खेली जाएगी। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी भक्तों पर प्राकृतिक गुलाल उड़ाएंगे। इस बार पानी से होली खेलना निषेध रहेगा। शाम को संध्या झांकी से पूर्व श्री  चैतन्य महाप्रभु की जयंती पर पंच द्रव्यों से ठाकुर गौर गोविंद देवजी का अभिषेक किया जाएगा।

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