जयपुरधर्म

होलिका दहन में क्यों जलाए जाते हैं गोबर के बड़कुल्ले/उपले , जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

होली हिन्दुओं के लिए सबसे ख़ास पर्व माना जाता है और मुख्य रूप से होलिका दहन के साथ सभी बुराइयों का नाश होता है होलिका दहन फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है और मान्यतानुसार इस दिन सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश अग्नि में होता है। होलिका की अग्नि में कुछ ऐसी चीजों को जलाया जाता है जिनका ज्योतिष में भी विशेष महत्व है। ऐसी ही चीजों में से एक है गोबर के उपले,जिसे जलाने का भी प्रचलन सदियों से चला आ रहा है।गोबर के उपले शुभता का प्रतीक माने जाते हैं और इन्हें जलाने से आस-पास की नकारात्मक शक्तियां भी दूर होती हैं।होलिका दहन के दिन यदि आप गोबर के उपले जलाते हैं तो घर में शुभता बनी रहती है और धन लाभ के योग बनते हैं।आइए जानें इस दिन उपले जलाने के महत्व के बारे में।
यज्ञ और हवन में भी गाय के गोबर का इस्तेमाल होता है और इनका आध्यात्मिक महत्व बहुत ज्यादा है, लेकिन जब हम होलिका दहन के पर्व की बात करते हैं तब उसमें गोबर के उपले जलाने का भी विशेष ज्योतिष महत्व है।
हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से गाय की पूजा से विशेष लाभ मिलते हैं,जो के आज विज्ञान द्वारा भी प्रमाणित हो चुके हैं । वहीं गाय से मिलने वाले गोबर को भी शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। गाय के गोबर के बने उपले का इस्तेमाल करने से घर में समृद्धि बनी रहती है।
ऐसी मान्यता है कि जब हम गाय के गोबर की किसी भी रूप में जलाते हैं तो उससे निकलने वाला धुआं सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाने में मदद करता है। गाय के गोबर को बहुत पवित्र माना जाता है इसी वजह से इसका इस्तेमाल कई धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
होलिका दहन में गोबर के उपले जलाने का धार्मिक महत्व
मान्यता है कि गाय के पृष्ठ भाग यानि कि पीछे के हिस्से को यम का स्थान माना जाता है और गाय का गोबर इसी स्थान से मिलता है। होलिका दहन में इसके इस्तेमाल से कुंडली में अकाल मृत्यु जैसे या कोई भी बीमारी से जुड़े दोष दूर हो जाते हैं। इसी वजह से पूजा-पाठ में भी गोबर के उपलों का इस्तेमाल होता है। किसी भी स्थान पर गोबर के उपले जलाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और होलिका की अग्नि में भी जब इन्हें जलाते हैं तो रोग -दोष मुक्त होते हैं और आर्थिक स्थिति ठीक हो सकती है।

क्या हैं होलिका में गोबर के उपले चढ़ाने के वैज्ञानिक कारण

यदि हम विज्ञान की मानें तो सिर्फ गाय का गोबर ही ऐसा होता है जिसका इस्तेमाल कई औषधियों के रूप में भी हो सकता है। इसमें कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो हानिकारक कीटाणुओं को समाप्त करने में मदद करते हैं।वहीं अगर हम गोबर के उपले को जलाने से निकलने वाले धुंए की बात करते हैं तो सिर्फ ये ही ऐसा धुआं होता है जो वातावरण को प्रदूषित नहीं करता है बल्कि हानिकारक बैक्टीरिया का नाश करता है। गोबर के कंडे के धुएं से पर्यावरण को शुद्ध किया जाता है।
कैसे बनाए जाते हैं गोबर के बड़कुल्ले/उपले
होलिका दहन में मुख्य रूप से गोबर से बड़कुल्ले बनाए जाते हैं। इसके लिए गोबर के छोटे-छोटे गोले बनाकर उसमें बीच से छेद करके धूप में सुखाया जाता है और इसकी माला को होलिका की अग्नि में जलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन्हें जलाने से घर की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
गोबर के बड़कुल्ले कब बनाए जाते हैं
होली के लिए बड़कुल्ले या गोबर के उपले होलिका दहन के 15 दिन पहले बनाए जाते हैं। इन्हें बनाने के लिए कोई शुभ दिन चुना जाता है जैसे सोमवार या शुक्रवार। ये बड़कुल्ले सबसे पहले 7 या 11 की संख्या में बनाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि परिवार में नई दुल्हन आई हो या फिर बच्चे का जन्म हुआ हो तो गोबर के उपले होलिका की अग्नि में जरूर जलाने चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
यदि आपका धन व्यर्थ के कामों में व्यय होता है और आर्थिक स्थिति खराब हो रही है तो होलिका दहन के दिन आप गोबर के उपले होलिका की अग्नि में जलाएं और उसे आधा जलाकर ही घर ले आएं। जब ये आग बुझ जाए तो इस उपले को घर में पैसों के स्थान पर रखें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति जल्द ही सुधरने लगेगी और धन लाभ होगा।

Related posts

राजस्थानः लैब टेक्नीशियन एवं सहायक रेडियोग्राफर के 2751 अभ्यर्थियों के पदस्थापन आदेश जारी

Clearnews

छोटे-बड़े उद्योगों, पर्यटन क्षेत्र को मिलेगी 700 करोड़ की डोज

admin

राजस्थान के पूर्व राज्यपाल (Former Governor of Rajasthan) और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (former Chief Minister of Uttar Pradesh) कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का निधन (passed away), प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) सहित कई राजनेताओं ने जताया दुख

admin