गुजरात के जूनागढ़ में 15 जून की देर रात अवैध दरगाह को लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने जबरदस्त बवाल किया। भीड़ ने अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन के नोटिस के बाद जमकर पथराव किया और पुलिस चैकी पर हमला कर दिया। हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियां फूंक दी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। फिलहाल इलाके में भारी तनाव है। बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
क्या है मामला?
प्रशासन ने जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। इलाके के लोग इसका विरोध कर रहे थे। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी राात यही गुस्सा बेकाबू हुआ और जूनागढ़ में जंग जैसे हालात बन गए। जिस दरगाह को हटाए जाने का नोटिस दिया गया था, वो मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने स्थित है।
पांच दिन बाद भी जवाब नहीं
पांच दिन की डेडलाइन के बाद भी नोटिस को लेकर कोई जवाब पेश नहीं किया गया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला किया। नगर निगम की टीम शुक्रवार शाम को ध्वस्तीकरण का नोटिस लगाने पहुंची थी, जिसके विरोध में भीड़ इकठ्ठा हो गई। थोड़ी ही देर में ये भीड़ उपद्रवियों की शक्ल में बदल गई और पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान वहां खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 200-300 लोगों की भीड़ पत्थर चलाते और गाड़ियों को तोड़ते हुए दिख रही है। हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को इलाके में भेजा गया।