जयपुरताज़ा समाचार

रिफाइनरी सह पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स में पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट्स आधारित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं : गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना है। पचपदरा (बाड़मेर) में रिफाइनरी के साथ ही बन रहे पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों के हब के रूप में विकसित होगा और यहां बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि यहां न सिर्फ तेल निकलेगा, बल्कि इसके साथ-साथ पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट्स भी निकलेंगे जिससे प्रदेश में निवेश आएगा और विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी।

गहलोत मंगलवार को राजस्थान रिफाइनरी की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी एक बहुत बड़ा सपना है, जिसमें कई बार रूकावटें आईं। क्षेत्र की जनता के लम्बे संघर्ष और हमारी सरकार की कोशिशों के बाद इस परियोजना ने अब गति पकड़ी है जिसे समय पर पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने एचपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि संसाधन बढ़ाकर परियोजना के कार्यों को और गति दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से जुड़े सभी विभागों एवं एचपीसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर एक इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप बनाया जाए ताकि रिफाइनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित मुद्दों को समय पर हल किया जा सके। मुख्यमंत्री ने 9 प्रमुख रिफाइनरी यूूनिट्स की प्रगति एवं चार प्रमुख पेट्रो-केमिकल यूनिट्स के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही, रिफाइनरी के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने एवं ग्रीनरी विकास के कार्यों में गति लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने युवाओं को यहां छोटी-छोटी इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं एन्सिलियरी यूनिट्स के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।

गहलोत ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से पश्चिमी राजस्थान के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति सुचारू बनाए रखने एवं यहां आने वाले निवेशकों में भरोसा कायम करने की दिशा में समुचित कदम उठानेे, पचपदरा व बालोतरा में भविष्य में नगरीय विकास की संभावनाओं को देखते हुए कार्य योजना बनाने, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने एवं रिफाइनरी के बाय-प्रोडक्ट्स के बारे में अधिक से अधिक जानकारी आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए।

एचपीसीएल के सीएमडी एम के सुराणा ने परियोजना की विभिन्न इकाइयों की अब तक की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी ऑयल सेक्टर में देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी एवं पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने बताया कि 9 एमएमटीपीए क्षमता की 43,129 करोड़ रूपए लागत की इस रिफाइनरी में अभी तक 15,225 करोड रूपए व्यय कर 43 प्रतिशत कार्य पूरे किए जा चुके हैं। 9 प्रमुख रिफाइनरी यूनिट्स में से 6 यूनिट्स का कार्य मार्च, 2023 तक पूरा हो जाएगा। शेष यूनिट्स का काम भी समय पर पूरा करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट में करीब 20 हजार लोग रोजगार पर लगे हुए हैं। 300 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स में ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा रहा है। रिफाइनरी के पास टाउनशिप, स्कूल एवं हॉस्पिटल बिल्डिंग भी बनाई जाएगी। एचपीसीएल-राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड के सीईओ विखर कमलाकर राजाराम ने बताया कि इस परियोजना में 4 पेट्रो-केमिकल इकाइयां बनाई जा रही हैं।

Related posts

जल जीवन मिशन (JMM) की समीक्षा बैठक: जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि सभी अभियंता (All Engineers of PHED) लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए कमर कसें

admin

राजस्थान में रेबीज उन्मूलन के लिए स्टेट एक्शन प्लान लॉन्च

Clearnews

भाजपा (Bhartiya Janata Party) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने थामा ‘ममता’ का दामन, तृण मूल कांग्रेस (TMC) में हुए शामिल

admin