जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किए जाने वाले 10 लाख रुपए से अधिक के सड़क विकास एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दोष निवारण अवधि (डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड) तीन वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रस्ताव के अनुसार सड़क नवीनीकरण एवं विशेष मरम्मत कार्य, नवीन सड़क, भवन, पुल, सीडी कार्य, सड़क चौड़ाईकरण, सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दोष निवारण अवधि 5 वर्ष की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों की क्वालिटी में सुधार होगा तथा घटिया निर्माण पर संवेदकों की जिम्मेदारी तय होगी। इससे सड़कों एवं अन्य निर्माण कार्यों की मरम्मत के कारण राजकोष पर आने वाला भार भी कम होगा।