दो राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव परिणामों से तीन दिन पहले आए एग्जिट पोल के नतीजे एक बार फिर फेल साबित हो गये। बीती 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग के कुछ देर बाद जारी किए गए एग्जिट पोल के परिणामों के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल गया था। लेकिन कांग्रेस की आशाओं पर तुषारापात हो गया। हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सत्ता में आ रही है अलबत्ता जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर होकर प्रमुख विपक्षी दल गयी है।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के की विधानसभाओं 90-90 सीटों वाली हैं इसलिए बहुमत प्राप्त करने के लिए किसी भी दल या उनके गठबंधन को 46 सीटों की आवश्यकता होती है। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार एक बार फिर वापसी करने जा रही है। वहां उसे 48 सीटें मिली हैं जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस जो कांग्रेस और माकपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी, को 49 सीटें मिल गयी हैं। वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है।
हरियाणा में कांग्रेस को 37, इंडियन नेशनल लोकदल को 2 और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। हरियाणा की बहुचर्चित जुलैना सीट से पहलवान विनेश फोगाट ने अपना पहला ही चुनाव जीत लिया। तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले चढूनी की बुरी हार हुई है। उनको सिर्फ 1170 वोट मिले। इतना ही नहीं उनकी जमानत भी जब्त हो गयी। इस सीट पर कांग्रेस के मनदीप चट्ठा ने जीत दर्ज की है।
केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 और कांग्रेस 6 सीटें जीत गईं। सीपीएम को भी एक सीट मिली। जम्मू रीजन में 28 सीटें जीतकर बीजेपी अब मुख्य विपक्षी दल बन गई है। पीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिली। पहली बार आप ने भी एक सीट जीतकर खाता खोला। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने एक सीट पर कब्जा जमाया। निर्दलीयों के खाते में 6 सीटें आईं।