चौथे टेस्ट (Fourth Test) मैच के पांचवे और आखिरी दिन भारत (India) ने इंग्लैंड को ओवल के मैदान पर 157 रनों के अंतर से परास्त (beating England) कर दिया है। पांच टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला (Series) में भारत अब 2-1 से आगे हो गया है। पहला मैच ड्रॉ रहने के बाद भारत ने लॉर्ड्स में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच 151 रनों से जीता था और लीड्स में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच वह पारी और 76 रनों से हार गया था। लेकिन, पांच दिनों तक चले इस उतार-चढ़ाव भरे मैच में भारत ने 99 रनों से पिछड़ने के बावजूद इस मैच को आखिरकार अपने नाम कर लिया।
उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था। भारत ने पहली पारी में 61.3 ओवरों में 191 रनों का स्कोर बनाया था। यद्यपि एक बार को तो पहली पारी में लगा था इंग्लैंड की गेंदबाजी के आगे भारतीय टीम ढह जाएगी लेकिन कप्तान विराट कोहली के बहुमूल्य 50 रन और तेज गेंदबाजी करने वाले शार्दुल ठाकुर की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से निकले 57 रनों ने भारत को मुकाबले में खड़ा कर दिया।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 84 ओवरों में 290 रनों का स्कोर खड़ा किया और 99 रनों की लीड हासिल की। लेकिन, दूसरी पारी में भारत ने बेहद संभलकर खेलना शुरू किया। भारत ने रोहित शर्मा के शानदार शतक (127), केएल राहुल के 46, चेतेश्वर पुजारा के 60, विराट कोहली के 44, ऋषभ पंत के 50 और शार्दुल ठाकुर के 60 रनों की बदौलत 148.2 ओवरों में मैच के चौथे दिन 466 रनों का पहाड़ सा स्कोर खड़ा कर दिया। यद्यपि इंग्लैंड ने 368 रनों के जीत के लक्ष्य के लिए अच्छी शुरुआत की। लेकिन, मैच के पांचवें दिन इंग्लिश बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के आगे एक-एक करके घुटने टेकने शुरू कर दिये।
पांचवे दिन मैच में भारतीय गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने इंग्लैंड की पारी में सेंध लगायी। उन्होंने ओपनर बल्लेबाजी रोरी बर्न्स को 50 रनों के स्कोर पर ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट कराया। फिर हसीब हमीद को 66 रनों के स्कोर पर घूमती गेंद पर रवींद्र जड़ेजा ने बोल्ड कर दिया। जैसे ही पांच रनों के स्कोर पर डविड मलान रन आउट हुए तो फिर इंग्लैंड के बल्लेबाजी का ढहना शुरू हो गया। फिर, जसप्रीत बूमराह ने जॉनी बेयरस्टो और ओली पोप को बोल्ड करके इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। इसके बाद विकेटों के पतझड़ में शार्दुल ठाकुर ने कप्तान जो रूट को 36 रनों के स्कोर पर बोल्ड कर दिया। इसके बाद तो विकेटों का पतन बस औपचारिकता भर रह गया।