जल्द ही भारतीय रेलवे हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों की शुरुआत करने जा रहा है, जिससे रेलवे का 2030 तक “नेट जीरो कार्बन एमिटर” बनने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा। रेलवे ने 2024-25 में हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करने की योजना बनाई है, जिसकी टेस्टिंग इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। पहली हाइड्रोजन ट्रेन दिल्ली डिवीजन के जींद-सोनीपत रूट (89 किलोमीटर) पर चलेगी और दिसंबर में इसका ट्रायल रन होगा।
भारतीय रेलवे का उद्देश्य हेरिटेज और पहाड़ी रूटों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का है, जिसे “हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज” नामक प्रोजेक्ट के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है। ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल हैं, क्योंकि इनसे प्रदूषण नहीं होता और रेलवे को अपने पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलती है। रेलवे अन्य पर्यावरणीय उपाय भी कर रहा है, जैसे HOG तकनीक और LED लाइट्स का उपयोग, कम ऊर्जा खपत वाले उपकरण, पेड़ लगाना और सोलर प्लांट्स स्थापित करना।
इस प्रोजेक्ट के लिए 2800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें हेरिटेज रूट पर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 600 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं। इसके अलावा, एक डीजल से चलने वाली DEMU ट्रेन को हाइड्रोजन पर चलाने के लिए 111.83 करोड़ रुपये का ठेका भी दिया गया है।
यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा कदम है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा बल्कि भारत को हरित परिवहन में भी आगे ले जाएगा।