बेंगलुरूरेलवे

देश की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का अनावरण, फिलहाल ट्रायल पर..

देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अनावरण बेंगलुरु में किया गया है। यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसके स्टेटिक ट्रायल भी शुरू हो चुके हैं, जो दस दिनों तक चलेंगे। इस दौरान ट्रेन के सॉफ्टवेयर आदि का परीक्षण किया जाएगा।
19 अगस्त को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच 20 डिब्बों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (सीटिंग) का 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से सफल ट्रायल किया। इसके अलावा, मुंबई से दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की परियोजना का काम भी पूरा हो चुका है।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह ट्रेन राजधानी जैसी ट्रेनों का विकल्प बनेगी। वर्तमान में, मुंबई से दिल्ली के बीच राजधानी एक्सप्रेस करीब 16 घंटों में यात्रा करती है, जबकि भविष्य में वंदे भारत स्लीपर 12 घंटों में यह दूरी तय करेगी।
‘मिशन रफ़्तार’ की शुरुआत
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है। पांच साल पहले मुंबई से दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए ‘मिशन रफ्तार’ परियोजना की शुरुआत हुई थी। इस परियोजना के तहत 1,478 रूट किमी और 8 हजार करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं।
सुरक्षा के लिए ‘कवच’ तकनीक
ट्रेनों की स्पीड के साथ उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए पूरे रूट पर भारतीय रेलवे की ‘कवच’ तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से लैस ट्रेनें आमने-सामने से टकराने से पहले ऑटोमैटिक ब्रेक लगा देती हैं। पश्चिम रेलवे पर इस तकनीक का सफल ट्रायल हो चुका है।
रेलवे का लक्ष्य 160 किमी प्रति घंटा
भारतीय रेलवे की औसत गति 70 से 80 किमी प्रति घंटा है, जिसे बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा करना है। इसके लिए रेलवे ने पटरियों के नीचे वाले बेस को चौड़ा किया है और पूरे रूट पर 2×25000-वोल्ट पावर लाइन बनाई गई है।
परियोजना के आंकड़े
कॉरिडोर: मुंबई से दिल्ली
मंजूर: 2017-18
कुल लंबाई: 1,478 किमी
लागत: ₹8 हजार करोड़

इस परियोजना के तहत मुंबई-दिल्ली रूट पर पटरियों को बदलने का काम लगभग पूरा हो चुका है और स्पीड बढ़ाने के लिए पटरियों के नीचे पत्थर की गिट्टियों का कुशन 250 मिमी से बढ़ाकर 300 मिमी किया गया है।

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