टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) खेलों के आखिरी दिन भारत के बैडमिंटन (Badminton) खिलाड़ियों ने अपना जलवा बिखेरा। रविवार, 5 सितंबर को पैरा खिलाड़ी कृष्णा नागर (Krishna Nagar ) ने बैडमिंटन के एसएच 6 कैटेगरी के फाइनल में हांगकांग के चू मान काई को 21-17,16-21, 21-17 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। उनके अलावा बैडमिंटन में ही तीन अन्य खिलाड़ियों में प्रमोद भगत ने स्वर्ण , सुहास यथिराज ने रजत और मनोज सरकार कांस्य़ पदक जीतककर देश का नाम रोशन किया। इस तरह टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत के कुल पदकों की संख्या 19 हो गयी है। भारतीय टीम में पैरालंपिक में कुल पांच स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक जीते।
हालांकि सुहास पैरालंपिक एकल एसएल4 श्रेणी बैडमिंटन स्पर्धा (एसएल4 श्रेणी में वे बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो पैर में विकार के कारण खड़े होकर खेलते हैं) के फाइनल में फ्रांस के लुकास मजूर से 21-15, 17-21, 15-21 अंकों के अंतर से हार गये और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन, वे युवाओं के लिए विशेष प्रेरणा देने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। इसका कारण यह है कि 38 बरस के सुहास पैरालंपिक खेलों में रजत पदक विजेता होने के साथ उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी हैं। सुहास वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के जिला कलक्टर के पद पर तैनात हैं।
सुहास ने अपनी सफलता पर कहा, ‘ हालांकि मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं किंतु मुझे यह मैच दूसरे गेम में ही खत्म कर देना चाहिए था। इसलिए मैं थोड़ा सा निराश हूं कि मैं फाइनल नहीं जीत सका क्योंकि मैंने दूसरे गेम में अच्छी बढ़त बना ली थी लेकिन लुकास को बधाई। जो भी बेहतर खेलता है, वही विजेता होता है। ’
उल्लेखनीय है कि सुहास के टखनों में विकास है। वे कर्नाटक के रहने हैं कम्प्यूटर इंजीनियर होने के साथ आईएएस भी हैं। वे वर्ष 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अपनी कार्य सक्रियता के लिए देश में काफी प्रसिद्ध भी रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में बीडब्ल्यूएफ तुर्की पैरा बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पुरुष एकल और युगल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा वे वर्ष 2016 एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण और 2018 पैरा एशियाई खेलों में कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं।
पति की कामयाबी से आल्हादित ऋतु सुहास जो वर्तमान में गाजियाबाद में एडीएम एडमिनिस्ट्रेशन के पद पर तैनात हैं, ने बताया कि देश के लिए पैरालंपिक में खेलना सुहास का सपना था। जब वे पैरालंपिक में जा रहे थे तो उन्होंने सुहास यही कहा, ‘नतीजे की चिंता किए बिना वे बस अपना बेस्ट गेम खेलें। यह मेडल सुहास की पिछले छह साल की मेहनत का फल है। हमारे लिए वो जीत चुके हैं, उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।’
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी और राजस्थान के राज्यपाल ने बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी सुहास यथिराज सहित चारों बैडमिंडटन खिलाड़ियों को पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने पर बधाई दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुहास यथिराज के लिए कहा कि एक सिविल सेवक के तौर पर कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए खेलों के प्रति उनका समर्पण असाधारण है। वहीं, प्रधानमंत्री ने सुहास से फोन पर बात की और उन्हें खेल और सेवा का अद्भुत संगम बताया जिन्होंने पूरे देश को अपने खेल से प्रभावित किया।
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के डीएम सुहास यतिराज की कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि मैं उन्हें तहे दिल से बधाई देता हूं। इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने कई मेडल जीते हैं। अपने प्रशासनिक कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के साथ-साथ, वह टोक्यो पैरालंपिक में भी सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे हैं।
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राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में प्रमोद भगत और कृष्णा नागर को स्वर्णिम उपलब्धि पर बधाई दी है। उन्होंने बैडमिंटन में ही सुहास यथिराज को रजत पदक एवं मनोज सरकार को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है। मिश्र ने कहा कि बैडमिंटन में चार पदक हासिल करना देश के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है।