रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव करने वाले पत्थरबाजों पर शिकंजा कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेलवे ने अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियों पर कैमरे लगा दिए हैं। ये कैमरे दोनों तरफ निगरानी करेंगे। ऐसे पत्थर फेंकने वाले असामाजिक तत्व उसमें कैप्चर हो जाएंगे और पकड़े जाएंगे।
उत्तर पश्चिम रेलवे अब ट्रेनों पर पत्थर पर फेंकने वाले असामाजिक तत्वों के लिए सख्त होता नजर आ रहा है। अब ट्रेनों पर पत्थर बरसाने वालों की खैर नहीं है। वंदे भारत ट्रेनों पर हाल ही में पत्थर फेंकने की घटनाएं बढ़ी हैं। उसके बाद इसको लेकर रेलवे ने सख्त कदम उठाए हैं। पथराव करने वाले कुछ आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ भी गए हैं। ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए कैमरों का स्पोर्ट लिया जाएगा।
हाल ही में स्पीड से दौड़ती ट्रेनों पर पत्थरबाजी की कई घटनाएं सामने आई हैं। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें पत्थर ट्रेन के कोच का शीशा तोड़कर यात्रियों को लगा है और यात्री लहूलुहान हुए हैं। इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों की बोगियों के बाहर की तरफ कैमरे इंस्टॉल किए हैं जो दोनों तरफ की निगरानी करते हैं।
एक ही वंदे भारत ट्रेन पर तीन बार हमला हो चुका है
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के मुताबिक अक्टूबर के महीने में जयपुर-उदयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस पर भीलवाड़ा से गुजरने के दौरान पत्थर बरसाए गए थे। पत्थरबाजी से ट्रेन के शीशे टूट गए थे। इस एक ही ट्रेन पर तीन बार हमला हो चुका है। लोको पायलट और गार्ड ने वंदे भारत पर हुए हमलों की हर बार रेलवे को शिकायत की थी। अब वंदे भारत ट्रेन की बोगियों के बाहर कैमरे इंस्टॉल कर दिए गए हैं। इन कैमरों के जरिए ट्रेन के दोनों तरफ निगरानी होगी और इससे ऐसे असामाजिक तत्व पकड़े जाएंगे जो दौड़ती ट्रेनों पर पत्थर बरसाते हैं।
राजधानी और एक्सप्रेस ट्रेनों पर भी लगाए जाएंगे कैमरे
जीआरपी की मानें तो ऐसे लोगों की इन कैमरों के जरिए पहचान भी की गई जो ट्रेनों पर पत्थर बरसाते हैं। फिलहाल वंदे भारत ट्रेनों को कैमरों की सुरक्षा दी गई है। लेकिन आने वाले वक्त में राजधानी और एक्सप्रेस ट्रेनों की बोगियों के बाहर भी ऐसे कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे जो पत्थरबाजों पर निगरानी कर सकें। फिलहाल ये शुरुआत अच्छी मानी जा रही है क्योंकि अचानक आए पत्थरों से अब तक कई यात्री घायल हो चुके हैं। ऐसे में ट्रेनों में सुरक्षा की सख्त जरूरत थी जिसे अब पूरा किया जा रहा है।