जयपुर। ‘भारत में हरित राजमार्गों के सतत विकास पर दो दिवसीय हाइब्रिड वेबिनार (Webinar ) का समापन शनिवार को जयपुर के एक होटल में हुआ। क्षेत्र के विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण और धूल के प्रभाव को कम करने के लिए राजमार्गों पर वृक्षारोपण के लिए एक नीतिगत ढांचा विकसित करने, पेड-पौधों की जियो-टैगिंग और निगरानी, मिट्टी के कटाव को रोकने, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।
सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के प्रमुख सचिव राजेश यादव ने पूर्व में कहा था कि विभाग निर्माण गतिविधियों का पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव को कम करने के उपाय कर रहा है। उन्होंने वन अधिकारियों से राजमार्गों पर पक्षियों के अनुकूल पेड और झाडियां लगाने में मदद करने का भी आग्रह किया ताकि राजमार्गों पर यात्रा करने वालों का अनुभव सुखद हो।
सदस्य, एनएचएआई आलोक ने पूरे देश में प्राधिकरण द्वारा राजमार्गों के किनारे किए जा रहे व्यापक वृक्षारोपण अभियान की जानकारी दी। शनिवार को डॉ. ए. वीरगावन, आईआईटी मद्रास और डॉ. एन.सी.पाल, ई-इन-सी, पीडब्ल्यूडी ओडिशा ने हरित राजमार्गों के रखरखाव में प्रौद्योगिकी और नवाचार पर बात की।
नेहा व्यास, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ, विश्व बैंक (ऑनलाइन), डॉ. नीरज शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीआरआरआई, डॉ. बी मुखोपाध्याय, महाप्रबंधक (पर्यावरण), एनएचएआई, तमोसी भट्टाचार्य, सदस्य जी-आईआरसी की तीसरी समिति (ऑनलाइन) और मेकाफेरी के रुद्र बुद्धभाती ने राजमार्गों के लिए कार्बन फुटप्रिंट और रेटिंग प्रणाली पर बात की।
अंतिम सत्र के दौरान एस.के. निर्मल, एडीजी, एमओआरटीएच और एसजी, आईआरसी आर.के. पांडे, सदस्य परियोजना, एनएचएआई, आई.के. पटेरिया, निदेशक, एनआरआईडीए, चिन्न हरि मीणा, सचिव, पीडब्ल्यूडी राजस्थान और ए वी सिन्हा, पूर्व डीजी (आरडी) और एसएस, एमओआरटीएच ने पैनल चर्चा के माध्यम से प्रतिभागियों के सवालों का निस्तारण किया। वेबिनार का आयोजन भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्थान सरकार के सहयोग से किया गया।