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हारने के बावजूद दिल जीत लिया निशा दहिया ने, दर्शक दीर्घा ने भी तालियां बजा कर दिया सम्मान

भारतीय शेरनी निशा दहिया ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 68 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में उत्तर कोरिया की पाक सोल गम के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबला बेहद दिलेरी के साथ खेला। निशा दहिया एक वक्त 8-1 से आगे थीं, लेकिन मैच खत्म होने से ठीक 33 सेकंड पहले उन्हें चोट लग गई, जिसका बड़ा खामियाजा भारतीय महिला पहलवान को उठाना पड़ा।बेहद दर्द के बावजूद निशा ने अपनी फाइट को पूरा किया। इसीलिए दर्शक दीर्घा ने भी तालियां बजा कर सम्मान दिया |
एक समय 8-1 से आगे चल रही निशा के दाहिने हाथ में गंभीर चोट लग गई जिससे वह फूट-फूटकर रोने लगीं। मेडिकल ब्रेक के बाद, निशा के दाहिने हाथ में कोई ताकत नहीं बची थी और यह उत्तर कोरियाई के लिए एक केकवॉक बन गया, जिसने लेग-होल्ड कर आसानी से नौ सीधे अंक हासिल कर लिए।
पाक सोल गम ने निशा को 10-8 से शिकस्त दी। हालाँकि एशियाई चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता पहलवान निशा ने उत्तर कोरिया की पहलवान के खिलाफ शुरुआती कुछ सेकेंड में ही 4-0 की बढ़त बना ली। उन्होंने इसके बाद तीन मिनट के शुरुआती पीरियड में रक्षात्मक रवैया अपनाकर उत्तर कोरिया की पहलवान को कोई मौका नहीं दिया।सोल गम ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत कर एक अंक हासिल किया, लेकिन निशा ने उन्हें रिंग से बाहर निकल कर अपनी बढ़त 6-1 कर ली।
खेल के अंत तक लड़ती रही,हार नहीं मानी भारतीय शेरनी ने
उन्होंने दो अंकों के साथ अपनी बढ़त को और मजबूत किया, परंतु इसी दौरान उनके दाहिने हाथ में गंभीर चोट लग गई। मुकाबले में अभी एक मिनट शेष था और निशा दर्द से कराह रही थीं। इलाज के पश्चात उन्होंने खेल फिर से शुरू किया, लेकिन वे उत्तर कोरियाई पहलवान को रोक पाने में असफल रहीं।
अभी भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने की संभावना है
वैसे निशा की अभी उम्मीदें खत्म नहीं हुई है। अगर उन्हें हराने वाली उत्तर कोरिया की पहलवान फाइनल में पहुंच जाती है तो निशा को ‘रेपचेज’ के जरिए ब्रॉन्ज मेडल खेलने का मौका मिलेगा। निशा को अगर उत्तर कोरिया की प्रतिद्वंद्वी फाइनल में पहुंचती है तो वह रेपेचेज में शॉट लगा सकती हैं लेकिन क्या वह मैट पर भी उतरने की स्थिति में होंगी, यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि बाउट के बाद वह फूट-फूटकर रो पड़ी थीं।
बता दें कि इससे पहले निशा ने यूक्रेन की सोवा रिज्को के खिलाफ अपना पहला मुकाबला 6-4 से जीता था।
हैवीवेट वर्ग में भारत की एकमात्र प्रविष्टि, निशा एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता हैं और उन्होंने बिना किसी परेशानी के यूक्रेन की अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराया।

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