मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के कई राज्यों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमितों में वृद्धि के चलते निर्देश दिए हैं कि माइक्रो कंटेनमेन्ट जोन के निर्धारण और एसओपी की कड़ाई से पालना की जाए। संक्रमण रोकने के लिए जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने के नियम की पालना में कोई कोताही न हो। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, चित्तौडगढ़, अलवर और भीलवाड़ा जिले में संक्रमण रोकने के लिए जिला कलेक्टर माइक्रो कंटेनमेन्ट जोन सहित सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और अधिक टेस्टिंग के लिए विशेष योजना तैयार कर अमल में लाएं।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थिति पर नियंत्रण के लिए प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में धारा 144 के तहत 5 से अधिक व्यक्तियों के इक_ा होने पर रोक लगाने की कड़ाई से पालना हो। स्थिति नियंत्रण में रहे, इसके लिए जरूरी है कि एसओपी की कड़ाई से पालना हो। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर माइक्रो कन्टेनमेन्ट जोन में ट्रेसिंग, टेस्टिंग और होम आइसोलेशन की प्रभावी पालना कराने के लिए आरएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि बीते 24 घण्टे में प्रदेश में 3526 पॉजिटिव केस आए हैं। कोरोना का हॉटस्पॉट बन रहे उदयपुर में स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। राजस्थान हैल्थ यूनिवसिज़्टी के कुलपति डॉ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि लोग कोरोना गाइडलाइन की पालना में कोताही बरतेंगे तो आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक खराब हो सकती है। वैक्सीन से जान जाने का खतरा कम जरूर होता है। इसके बावजूद संक्रमण से बचाव के लिए हमें सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने, मास्क पहनने के नियम की कड़ाई से पालना करनी होगी।