जयपुर। सहकारिता विभाग द्वारा राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं के सम्बन्ध में संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा द्वारा वीडियो कॉम्फे्रंसिंग के माध्यम से जयपुर संभाग के कॉपरेटिव विभाग के समस्त अधिकारियों, महाप्रबंधक (सहकारिता), जिला कोषाधिकारी तथा जिला स्तर के प्रबन्धक एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी और फार्मासिस्ट से विस्तृत चर्चा कर संबन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार आमजन एवं पेंशनर्स को कम कीमत और गुणवत्तापूर्ण जैनरिक दवाओं की उपलब्धता आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए। सहकारिता विभाग की दुकानें समय पर खुलें एवं समय पर बंद हों। बड़े अस्पतालों में एक दुकान 24 घंटे खुली रहनी चाहिए।
प्रत्येक फार्मासिस्ट अपनी फोटो एवं ड्रग लाईसेंस को स्पष्ट दिखने वाली जगह डिसप्ले करेंगे। दुकानों पर बोर्ड लगाकर उपलब्ध दवाओं के मूल्य सूची (एम.आर.पी. व भण्डार की विक्रय दर) निर्देशानुसार प्रदर्शित किये जाएं। उन्होंने कहा कि आवश्यक एवं आमतौर पर काम आने वाली दवाओं का पर्याप्त स्टॉक (300 से 500 दवाईयां) रखते हुए, उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि ग्राहकों को सभी दवाईयां आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जा सकें।
उन्होंने निर्देश दिए कि दवाओं की खरीद पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए तथा आवश्यक प्रक्रिया अपनाकर कम्पनी के प्राधिकृत सप्लायर से ही दवा खरीदी जाए, जिससे कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता की दवाईयां उपलब्ध हो सकें तथा कम्प्यूटराइज्ड इन्वेंटरी मेनेजमेंट कर निर्बाध आपूर्ति की जाएं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को कहा कि यदि राज्य सरकार के निर्देशों के विपरीत यदि कोई राजकीय चिकित्सक ब्राण्डेड एवं महंगी दवाईयों को मरीजों की पर्चियों पर प्रेस्क्राइब करते हैं, तो उनकी सूचना सी.एम.एच.ओ., पी.एम.ओ., एम.एस. आदि को दें, जिससे आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही की जा सके। कम कीमत की एवं गुणवत्तापूर्ण दवा आमजन को उपलब्ध हो इसके लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार माध्यमों द्वारा आमजन को जागरूक किया जाए।