अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पीआर सोसाइटी दिल्ली, ने पीआर, पत्रकारिता और संचार के क्षेत्र में महिलाओं को मान्यता देने के लिए पीआरिज्म पुरस्कार शुरू किए हैं। इस अवसर पर डॉ लता सुरेश को विशेष जूरी पुरस्कार श्रेणी में संचार उस्ताद पुरस्कार प्राप्त हुआ। पूर्व में भी लता सुरेश को पुस्तकालय विज्ञान, संगीत, पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
प्रिज्म पुरस्कार समारोह का उद्घाटन संस्करण नई दिल्ली के द कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित हुुआ । प्रिज़्म अवार्ड्स का उद्देश्य उन महिलाओं के उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों को चिन्हित कर सम्मानित करना है जिन्होंने जनसंपर्क और संचार के क्षेत्र में अभिनव पहल कर उच्च मानदंड स्थापित किये है। यह पहल क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों को विशेष पहचान देने के साथ ही प्रतिष्ठित अतिथियों, जनसम्पर्क , मीडिया हुए पेशावर पत्रकारों और विभिन्न पृष्ठभूमियों की उल्लेखनीय प्रतिभाओ को एक मंच पर साथ लाना था। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि त्रिपुरा काडर की आईएएस सोनल गोयल, विशिष्ठ अतिथी निर्भया ज्योति ट्रस्ट की अध्यक्ष और निर्भया की माताश्री आशा देवी थीं। इसके अलावा सम्मानित अतिथि के रूप में , एशियाई मैराथन चैंपियन सुनीता गोदारा और भारत की सबसे तेज़ महिला रैली ड्राइवर बानी यादव भी इस आयोजन में शामिल थीं। दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन के संचार के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल इस अवसर पर संचार और जनसंपर्क के उभरते परिदृश्य पर कम्युनिकटर्स को सम्बोधित किया एवं आरजे गिन्नी ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी, दिल्ली के चेयरमैन डॉ. सर्वेश तिवारी ने बताया, “प्रिज्म अवार्ड्स का पीआर कम्युनिकेशन एवं संचार के क्षेत्र में महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों को विशिष्ट पहचान दिलाने की दिशा में हमारे प्रयासों की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम उन महिलाओं के असाधारण योगदान को समाज के सम्मुख दर्शाने में सम्मानित महसूस कर रहे हैं जो जनसंपर्क एवं सामाजिक संचार में अपने अभिनव व नवाचार द्वारा सतत प्रयासों के माध्यम से दूसरों को प्रेरित और सशक्त बनाने की दिशा में संलग्न हैं।”
पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी के सचिव जीएस बावा ने कहा, ” इस आयोजन के माध्यम से हमारा लक्ष्य जनसंपर्क एवं सामाजिक संचार पेशे के भविष्य को आकार देने में महिलाओं के अमूल्य योगदान के लिए समावेशिता और सराहना की संस्कृति को बढ़ावा देना है।”