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ताजमहल विवाद में कूदा जयपुर का पूर्व राजपरिवार, दस्तावेज आज भी पोथीखाने में मौजूद

जयपुर। आगरा के ताजमहल के बंद कमरों को खोलने के लिए उत्तरप्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में दायर याचिका के बाद अब जयपुर का पूर्व राजपरिवार भी इस मामले में कूद गया है। जयपुर राज परिवार ने दावा किया है कि ताजमहल उनकी संपत्ति है। इसके दस्तावेज उनके पोथीखाने में मौजूद हैं।

जयपुर की रॉयल फैमिली की सदस्य और भाजपा सांसद दिया कुमारी ने कहा कि उस जगह पर हमारा महल था। ये अच्छी बात है कि किसी ने ताजमहल के दरवाजे खोलने को लेकर अपील की है, इससे सच सामने आएगा।

दिया कुमारी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, जो बताते हैं कि पहले ताजमहल जयपुर के पुराने राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। जब शाहजहां ने जयपुर परिवार का वह पैलेस और जमीन ली तो परिवार उसका विरोध नहीं कर सका, क्योंकि तब उसका शासन था। उनका शासन होने के कारण उनके खिलाफ कोई अपील भी नहीं की जा सकती थी। उस समय ऐसा कोई कानून भी नहीं था कि उसके खिलाफ अपील कर सकते थे या उसके विरोध में कुछ कर सकते थे, लेकिन अब अच्छा है किसी ने आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की है।

दिया कुमारी ने कहा कि ‘मैं यह तो नहीं कहूंगी कि ताजमहल को तोड़ देना चाहिए, लेकिन उसके कमरे खोले जाने चाहिए। ताजमहल में कुछ कमरे बंद हैं। कुछ पार्ट वहां लंबे वक्त से सील हैं। उसकी जांच होनी चाहिए, जिससे यह पता चले कि वहां क्या था, क्या नहीं था। ताजमहल के बारे में सारे तथ्य तभी स्थापित होंगे, जब एक बार उसकी पूरी जांच होगी।’

दिया कुमारी ने कहा कि इस मामले को हम अभी देख रहे हैं। हम एग्जामिन करेंगे कि क्या स्टेप लेना चाहिए। अगर दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी तो जयपुर के पूर्व राजपरिवार के हमारे ट्रस्ट में पोथी-खाना भी है। अगर कोर्ट आदेश देगा तो हम उसे डॉक्यूमेंट्स देंगे। हमारे पास मौजूद डॉक्यूमेंट में यह बात साफ है कि शाहजहां को उस वक्त वह पैलेस अच्छा लगा तो उसे एक्वायर कर लिया गया। मंदिर के सवाल पर दिया कुमारी ने कहा मैंने अभी सारे डॉक्यूमेंट नहीं देखे हैं, लेकिन वह प्रॉपर्टी हमारे परिवार की थी।

उल्लेखनीय है कि ताजमहल को लेकर उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने याचिका दायर की है। डॉ. सिंह ने अपनी याचिका में ताजमहल के उन 22 कमरों को खोलकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने की मांग की है, जो लंबे वक्त से बंद हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं। अगर सर्वे होता है तो इससे मालूम चलेगा कि ताजमहज में हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या नहीं?

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