जयपुर

स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर जयपुर ग्रेटर महापौर-आयुक्त आमने-सामने, महापौर की धमकी-रैंकिंग गिरी तो अधिकारियों के खिलाफ करूंगी शिकायत, बीवीजी को नहीं होगा भुगतान

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में जनता और शहर की सुध लेने के बजाए राजनीति शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि महापौर द्वारा बनाई गई समितियों को सरकार द्वारा भंग किए जाने के बाद से ही महापौर और निगम आयुक्त खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। इसकी बानगी बुधवार शाम महापौर की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर बुलाई गई बैठक में देखने को मिली, जबकि महापौर सौम्या गुर्जर ने अधिकारियों को धमकी दे दी कि यदि सर्वेक्षण में रैंकिंग गिरी तो वह अधिकारियों की शिकायत सरकार को करेंगी।

निगम सूत्रों का कहना है कि स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए टीम जयपुर आने वाली है। इसी को लेकर महापौर ने शहर का दौरा किया और सफाई के हालात जाने। नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में सफाई के बुरे हालात मिलने पर महपौर ने बैठक बुलाई और अधिकारियों को जमकर लताड़ा और कहा कि ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड होने के कारण अधिकारी काम नहीं करना चाहते हैं, जबकि नगर निगम हैरिटेज में सफाई व्यवस्था काफी पुख्ता नजर आ रही है, क्योंकि वहां कांग्रेस का बोर्ड है।

बैठक में मौजूद उप महापौर पुनीत कर्णावट ने भी महापौर की बात का समर्थन किया और कहा कि वह भी सफाई को लेकर लगातार शहर में दौरा कर रहे हैं, लेकिन हैरिटेज निगम के क्षेत्र में सफाई नजर आ रही है और ग्रेटर निगम के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बदहाल है। जगह-जगह ओपन डिपो पड़े हैं। बीवीजी कंपनी न तो डोर-टू-डोर कर रही है और न ही ओपन डिपो से कचरा उठा रही है। इस दौरान बैठक में मौजूद अधिकारियों ने भी कहा कि बीवीजी कंपनी के कारण सभी व्यवस्थाएं खराब हो रही है। कंपनी ने जरूरत के हिसाब से हूपर भी नहीं लगा रखे हैं।

इस दौरान महापौर ने कहा कि पिछले वर्ष शहर की 28वीं रैंकिंग रही थी, यदि इस बार सफाई व्यवस्था बदहाल रहने के कारण रैंकिंग गिरती है तो वह अधिकारियों के खिलाफ सरकार को शिकायत करेंगी, कि उनके द्वारा काम नहीं किए जाने के कारण रैंकिंग गिरी है। वहीं बीवीजी कंपनी का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि महापौर के इस बयान को निगम में उनकी धमकी माना जा रहा है और यह धमकी अधिकारियों के कंधे पर बंदूक रखकर आयुक्त को दी गई है।

बैठक के बाद अधिकारियों ने बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि 24 मार्च से सर्वेक्षण टीम आने वाली है। यदि रैंकिंग गिरती है तो भुगतना कंपनी को ही पड़ेगा। इसलिए आपके पास एक सप्ताह का समय है। सफाई व्यवस्था में सुधार करो, हूपर व अन्य संसाधन बढ़ाओ और निगरानी पूरी रखो। सफाई व्यवस्था में वार्ड पार्षदों का भी सहयोग लो। बैठक में महापौर, उपमहापौर के साथ अतिरिक्त आयुक्त, सभी जोन उपायुक्त, उपायुक्त स्वास्थ्य, सभी एईएन प्रोजेक्ट, जनसंपर्क अधिकारी, उपायुक्त सतर्कता, उपायुक्त कार्मिक समेत बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

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