नाहरगढ़ जैविक उद्यान के वन्य जीवों में कोरोना संक्रमण को लेकर वन विभाग राजस्थान ने अपनी सफाई दी है कि जैविक उद्यान के वन्यजीवों में कोरोना संक्रमण नहीं है। अभी तक किसी भी वन्यजीव में कोविड-19 के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। इस बीच जैविक उद्यान की ओर से आईवीआरआई बरेली को कोविड जांच के लिए वन्यजीवों के सैंपल दोबारा से भिजवाये जा रहे हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहनलाल मीणा के अनुसार गत दिवस आईवीआरआई बरेली द्वारा भिजवाई रिपोर्ट में नाहरगढ़ जैविक उद्यान के शेर त्रिपुर में कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि की गई। हालांकि सैंपलिंग के समय नाहरगढ़ जैविक उद्यान के किसी भी वन्य जीव में कोविड के लक्षण नहीं थे। शेर त्रिपुर द्वारा सामान्य आहार लिया जा रहा है और उसका व्यवहार पूरी तरह से सामान्य बना हुआ है। 7 मई को सैंपल भिजवाए जाने के बाद से लेकर अभी तक त्रिपुर में कोविड-19 संबंधी कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। वह पूरी तरह सक्रिय है।
वरिष्ठ पशु चिकित्सकों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण प्रसार को ध्यान में रखते हुए त्रिपुर सहित उद्यान के सभी वन्यजीवों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु आवश्यक दवाइयां पूर्व में ही दी जा रही हैं। जैविक उद्यान के सभी वन्यजीवों द्वारा सामान्य आहार लिया जा रहा है और किसी भी वन्यजीव में कोविड के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। कोविड संक्रमण को देखते हुए ही 17 अप्रैल से जैविक उद्यान को बंद कर दिया गया है। उद्यान के स्टाफ द्वारा भी पीपीई किट, सेनेटाइज और मास्क सहित केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के आवश्यक प्रोटोकॉल्स की पालना की जा रही है।
मीणा के अनुसार आरवीआरआई बरेली को वन्यजीवों की कोविड-19 जांच के लिए दोबारा सैंपल भिजवाए जा रहे हैं। साथ ही वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा द्वारा भी तत्परता से आईवीआरआई बरेली, केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण नई दिल्ली एवं वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से वार्ता कर पूर्ण एहतियात बरतने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। इस संबंध में केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की ओर से जारी प्रेस नोट में भी बताया गया है कि वन्यजीवों से मनुष्यों में कोरोना वायरस फैलने के पुष्टिकारक प्रमाण नहीं मिले हैं।