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राजस्थान: मकर संक्रांति पर 6 जिलों में छाया रहेगा घना कोहरा, जयपुर में पतंग उड़ेगी या नहीं..?

जयपुर में मकर संक्रांति पर हवा की स्पीड 10 से 16 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं। जयपुर में मकर संक्रांति पर हवा की स्पीड 10 से 16 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं।
राजस्थान में मकर संक्रांति पर अलवर और भरतपुर समेत छह जिलों में घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक जयपुर में रविवार को सुबह आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। दोपहर में धूप खिलेंगी लेकिन हवा की स्पीड कम रहेगी। इसके कारण पतंगबाजों को इसके कारण पतंगें उड़ाने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
राजस्थान के मौसम में चल रहा बदलाव का दौर कल भी जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक मकर संक्रांति पर रविवार को राजस्थान में करीब आधा दर्जन जिलों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहेगा। जबकि शेखावाटी इलाके में शीत लहर चलने की संभावना है। राहत की बात यह है कि राजधानी जयपुर दिन में धूप खिलने की संभावना है। इससे जयपुरवासी पतंगबाजी कर सकेंगे। लेकिन हवा की स्पीड 10 से 16 किमी प्रतिघंटा रहने की ही संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को 6 जिलों में सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहने की संभावना है। इनमें अलवर, भरतपुर, करौली, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर और धौलपुर में घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। जबकि शेखावाटी के झुंझुनूं, चूरू और सीकर शीत लहर चलने की संभावना है। वहां सर्द हवाएं लोगों को परेशान कर सकती है। लिहाजा लोग गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें और सर्दी से बचाव के उपाय करके रखें।
10 से 16 किमी प्रतिघंटा की गति से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग ने चेताया है कि जयपुर में मकर संक्रांति पर सुबह के वक्त आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। हालांकि दिन में तेज धूप खिलने के आसार हैं, लेकिन हवाएं सिर्फ 10 से 16 किमी प्रतिघंटा की गति से ही चलेंगी। मकर संक्रांति पर जयपुर जबर्दस्त पतंगबाजी होती है। लिहाजा पतंगबाजों को सुबह परेशान हो सकती है लेकिन दोपहर में उनको राहत मिल सकती है। जयपुर में संक्रांति पर्व जोरशोर से मनाया जाता है। पूरा शहर पंतगबाजी करने के लिए छतों पर डेरा डाले रहता है।
हवा धीमी रही तो मजा किरकिरा हो जाएगा
जयपुरवासियों के लिए मकर संक्रांति का मौसम खासा महत्व रखता है। क्योंकि पतंगबाजी के शौकीन लोग अलसुबह ही पतंगों और डोर के साथ छतों पर जा बैठते हैं। मौसम साफ नहीं हो और हवा नहीं चले तो साल भर के इंतजार का मजा किरकिरा हो जाता है। लिहाजा सभी की नजरें मौसम पर टिकी रहती है। मकर संक्रांति पर जयपुर में पंतगों और डोर का करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। लोग दिनभर छतों पर ‘वो काटा’ और ‘वो मारा’ के साथ पतंगों के पेंच लड़ाते रहते हैं।

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