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जयपुरः सीएम भजनलाल के निर्वाचन क्षेत्र में चला बुलडोजर..! 70 मकान-दुकानें ध्वस्त

जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर क्षेत्र में बुलडोजरों ने निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है। जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से दो दिन से जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह वही क्षेत्र है, जहां से सीएम भजनलाल शर्मा विधायक चुने गए हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो दिन से बुलडोजर गरज रहा है। सेक्टर रोड को चैड़ा करने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से मकान, दुकान और अन्य निर्माण तोड़े जा रहे हैं। मानसरोवर के न्यू सांगानेर रोड से वंदे मातरम सर्किल की ओर जाने वाली रोड वर्तमान में जेडीए कागजों में 100 फीट की सेक्टर रोड है लेकिन मौके पर कहीं 50 फीट तो कहीं 60 फीट नजर आ रही है।
सड़क के दोनों तरफ पिछले कई सालों से अतिक्रमण हो रखा है। अब हाईकोर्ट की कार्रवाई के बाद अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई चल रही है। मंगलवार को 85 निर्माण ध्वस्त किए गए। बुधवार को भी 57 से ज्यादा मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया।
मकान-दुकान टूटने से दुखी लोग
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जहां हुई। वह इलाका पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में आया है। पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में सैकड़ों कॉलोनियां है जहां पिछले 30-35 साल से लोग निवास कर रहे हैं। चूंकि पृथ्वीराज नगर का नियमन पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू किया था। कई सोसायटियों ने बाद में कॉलोनियों के नक्शे बदलते हुए बेतरतीब तरीके से कॉलोनियां काट कर बेच दिया था। ऐसे में कई लोगों ने मकान और दुकानें बना ली थी। चूंकि ये अवैध निर्माण की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के जेडीए ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। कई मकान और दुकान मालिक जेडीए की कार्रवाई का विरोध करते हुए बिलखते रहे लेकिन जेडीए ने अवैध निर्माण मानते हुए ध्वस्त करने की कार्रवाई की।
भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप
जिन लोगों के आशियाने टूटे, उन लोगों ने जेडीए पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने के आरोप लगाए। लोगों का कहना था कि रसूखदार लोगों के निर्माण जेडीए ने नहीं तोड़े जबकि अन्य लोगों के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। हालांकि जेडीए अफसरों का कहना है कि कार्रवाई कानूनी रूप से की गई है, जो अवैध निर्माण पाए गए। उन्हीं को ध्वस्त किया गया। कार्रवाई से पहले जेडीए की ओर से एक महीने पहले नोटिस दिए गए। कुछ लोगों ने स्वयं अपने स्तर पर अवैध निर्माण को हटा लिया था जबकि अधिकतर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था जिसे जेडीए ने ध्वस्त कर दिया।

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