जयपुर। जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि जनजाति एवं सहरिया समुदाय के विधार्थियों के प्रशासनिक सेवाओं में चयन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए टीएडी सुपर-30 प्रोजेक्ट के तहत प्रतिष्ठित कोचिगं संस्थाओं के माध्यम से नि:शुल्क ऑन-लाईन प्री कोचिगं दी जाएगी।
बामनिया ने बताया कि जनजाति एवं सहरिया समुदाय के ऐसे 30 विधार्थियों जिन्होंने न्यूनतम स्नातक परीक्षा उतीर्ण की हो, अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र हो, स्नातक परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों, ऑन-लाईन कोचिंग के लिए वांछित उपकरण सुविधा उपलब्ध हो व अभ्यर्थी के अभिभावक आयकरदाता नहीं हो को प्री कोचिगं में प्राथमिकता दी जाएगी।
बामनिया ने बताया कि टीएडी सुपर-30 प्रोजेक्ट की शुरूआत 15वीं विधान सभा के चौथे सत्र में उनके द्वारा जनजाति के विधार्थियों को संध लोक सेवा आयोग और राजस्थान लोक सेवा आयोग में चयन के लिये कोचिंग कराए जाने के आश्वासन के तहत की जा रही है।
प्रोजेक्ट के तहत 20 छात्र एवं 10 छात्राओं को राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए आरएएस ऑन-लाईन प्री कोचिंग दी जाएगी। तैयारी के इच्छुक ऐसे अभ्यर्थियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण करना आवश्यक होगा । ऐसे अभ्यर्थियों का चयन विभाग द्वारा गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा।
अभ्यर्थियों का चयन 80 प्रतिशत शैक्षणिक योग्यता के अंक एवं प्रतिशत साक्षात्कार के अंक अनुसार चयनित होने पर मेरिट के आधार पर किया जाएगा। कोचिंग के इच्छुक विद्यार्थियों हेतु ईओआई के माध्यम से राजस्थान की प्रतिष्ठित संस्थाओं का चयन किया जाएगा।
बामनिया ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार के इस कदम से न केवल जनजाति समुदाय के विधार्थियों का शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर उन्नत होगा बल्कि इस समुदाय के विधार्थी प्रशासनिक सेवाओं में चयनित होकर देश के विकास की प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभा सकेगें ।