झारखण्ड की राजधानी रांची में सेना के लिए जमीन खरीद-बिक्री मामले में ईडी की ओर से गिरफ्तार आईएएस छवि रंजन की जेल में पहली रात बेचैनी में गुजरी। रांची के पूर्व डीसी रहने के कारण छवि रंजन को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिवीजन सेल में रखा गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और रांची के पूर्व उपायुक्त कुछ महीने पहले तक जिस जेल में छापेमारी करने जाते थे। अब भूमि घोटाले मामले में गिरफ्तार होने के बाद उसी जेल में कैदी की तरह रहने पहुंचे हैं। एक समय यह भी था, जब जेल में उनके नेतृत्व में बंदियों की तलाशी ली जाती थी, शुक्रवार को उन्हें उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
तलाशी के बाद हाथ में जेल की मुहर लगाई गई
आईएएस छवि रंजन 4.30 बजे जेल पहुंचे। जेल मैनुअल के अनुसार बंदी रंजन से संबंधित पेपर तैयार किए गए। पेपर तैयार करने में कारा प्रशासन को करीब 45 मिनट का समय लगा। कभी बड़ी-बड़ी फाइलों पर सिग्नेचर करने वाले आईएएस के हाथ में जेल की मुहर लगाई गई। मुहर लगाने के बाद गेट पर तैनात संतरियों ने उनके और उनके सामानों को चेक करने के बाद अंदर जाने दिया। औपचारिकता पूरी करने के बाद उन्हें जेल के अपर डिवीजन सेल में भेजा गया। अपर डिवीजन सेल में कुल नौ यूनिट है, जहां आईएएस अधिकारी छवि रंजन को रखा गया है। सेल के दूसरी छोर पर तमाड़ के पूर्व विधायक राजा पीटर का सेल है।
रोटी, दाल और आलू-बोदी की सब्जी मिली
बताया जाता है कि आईएएस छवि रंजन ने जेल में किसी तरह फरमाइश नहीं की। पहली रात जेल में दाल, रोटी और आलू-बोदी की सब्जी खाने के लिए दिया गया। जेल में पहली रात वे काफी बेचैन नजर आए। काफी रात तक वे अपने सेल में टहलते रहे। ईडी की ओर से छवि रंजन को रिमांड पर लेने के लिए स्पेशल कोर्ट में अर्जी दी गई है। शनिवार को यदि ईडी की विशेष अदालत की ओर से अनुमति दे दी जाती है, तो फिर छवि रंजन को जेल से ईडी कार्यालय लाकर पूछताछ की जाएगी।
जेल जाने से पहले पत्नी और वकील से मिले
आईएएस छवि रंजन गुरुवार को जेल जाने के पहले अपनी पत्नी और वकील से मिले। छवि रंजन पर अपने पद का दुरुपयोग कर कई जमीन घोटाले में शामिल होने का आरोप है। ईडी की ओर से उनपर जमीन घोटाले मामले में एक करोड़ रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है।