जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने स्कूल फीस मुद्दे पर सोमवार को अनिश्चित कालीन धरना शुरू करते हुए 15 सूत्रीय मांगों को पुन: दोहराया है। यह सभी मांगे मुख्यमंत्री को कलेक्टर के जरिए एक ज्ञापन में संयुक्त अभिभावक संघ पहले ही दे चुकी है।
अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि संयुक्त अभिभावक संघ ने सोमवार से अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में अभिभावकों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए धरना दिया और सरकार से स्कूल बंद रहने की पूरी अवधि की फीस माफ करने की मांग की।
संघ चाहता है कि सरकार निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर बनाए जा रहे फीस जमा कराने के अनैतिक कदम को रोके। सरकार सिर्फ स्कूल संचालकों से वार्ता कर एकतरफा कार्रवाई नहीं करे, बल्कि अभिभावकों की समस्याओं को भी समझे और उन्हें इस परेशानी से निजात दिलाए। अभिभावकों को खदेड़ने या गिरफ्तारी का डर दिखाने से उनका मनोबल नहीं टूटेगा।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि अभिभावक पिछले आठ महीनों से लगातार राहत मांग रहे हैं, लेकिन सरकार अभिभावकों की सुनने के बजाय निजी स्कूल संचालकों को संरक्षण देकर अभिभावकों को ना केवल प्रताड़ित कर रही है। स्थिति इतनी विकट है कि जो अभिभावक पिछले आठ महीनों से बेरोजगार है वह आखिरकार कहां से फीस जमा करवाएगा।
जिसके घर मे रोटी खाने के लाले पड़ रहे है वह घर में बच्चों के दो वक्त की रोटी का जुगाड़ तक नही कर पा रहा है वह कहां से स्कूलों की फीस जमा करवाएगा। जब स्कूल पिछले आठ महीनों से खुले ही नहीं तो अभिभावक किस बात की फीस देगा, अगर स्कूलों को रियायत या राहत चाहिए वह सरकार के पास जाए, जबरदस्ती अभिभावकों को क्यों ठगा जा रहा है।