जोधपुर। भारत होटल्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी, लाजार्ड इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली के प्रबंध निदेशक रहे आशीष गुहा और कांतिलाल कर्मसे गुरुवार को जोधपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। इन सभी ने उदयपुर के प्रसिद्ध लक्ष्मी विलास पैलेस होटल के विनिवेश के मामले में विशेष अदालत के जज पूरण कुमार शर्मा के समक्ष उपस्थित होकर निर्धारित राशि के जमानत मुचलके पेश किए। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
बैजल और शौरी को मिली छूट
विनिवेश मंत्रालय के पूर्व सचिव प्रदीप बैजल को बुधवार को ही अग्रिम आदेश तक सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश होने से राहत मिल गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी को उच्च न्यायालय ने 15 अक्टूबर तक सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश होने की छूट दी हुई है। गुरुवार को अदालत में कांतिलाल कर्मसे और आशीष गुहा ने अदालत में 2 लाख का व्यक्तिगत मुचलके उनके साथ के दो गवाहों ने 1-1 लाख रुपए का मुचलका पेश किया। भारत होटल्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी पांच लाख रुपए का व्यक्तिगत मुचलका दिया और उनके दो गवाहों केशव सूरी और श्रद्धा सूरी ने ढाई-ढाई लाख रुपए के मुचलका पेश किया।
यह था मामला
सीबीआई अदालत ने बीते माह 15 सितंबर को प्रसंज्ञान लेते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट नामंजूर कर दी थी। इसके अलावा अदालत ने 252 करोड़ रुपए के लक्ष्मी विलास पैलेस होटल को केवल 7.50 करोड़ रुपए में बेचकर सरकार को 244.50 करोड़ रुपए का चूना लगाने के मामले में संबंधित लोगों को दोषी माना। और, इस संदर्भ में अदालत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, भारत होटल्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी, पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप बैजल, आशीष गुहा व कांतिलाल कर्मसे के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इन सभी को गिरफ्तारी वारंट से तलब भी किया गया था। इन सभी आरोपियों ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने सूरी, बैजल, कर्मसे व गुहा के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाते हुए उन्हें 8 अक्टूबर को सीबीआई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने की छूट दे दी थी।