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‘खेला होबे-खेला होबे’ 2 मई के बाद राजस्थान भाजपा में खेला होबे, आमने-सामने होंगे राजे समर्थक और विरोधी गुट

जयपुर। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ खेला होबे, खेला होबे के नारे लगा रही है। बंगाल में टीएमसी खेला कर पाए या ना कर पाए, लेकिन 2 मई को बंगाल विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद राजस्थान भाजपा में बड़ा खेला होने के आसार दिखाई देने लगे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा में इन दिनों तूफान से पहले की शांति दिखाई दे रही है और चुनाव परिणामों के बाद राजे समर्थक और विरोधी आमने-सामने होंगे और खेला हो सकता है।

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा के कई नेता इन दिनों बंगाल चुनावों में उलझे हुए हैं। वहीं प्रदेश में तीन सीटों के लिए हो रहे उपचुनावों में भी व्यस्तता बढ़ गई है, ऐसे में प्रदेश भाजपा में शांति दिखाई दे रही है, लेकिन यह शांति ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, क्योंकि दोनों गुटों को उप चुनावों के परिणामों का इंतजार है। यदि उपचुनावों मे भाजपा को विजय मिलती है तो पूनिया गुट हावी होने की कोशिश करेगा। वहीं यदि परिणाम भाजपा के खिलाफ जाते हैं तो राजे गुट परिणामों को बहाना बनाकर पूनिया गुट को कमजोर करने का खेला शुरू कर देगा।

जानकारी के अनुसार भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर भरतपुर में हुए शक्ति प्रदर्शन की रिपोर्ट दिल्ली तक पहुंच चुकी है। राजे के कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों, पार्षदों की पूरी रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है कि कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में ले जाने के लिए उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कितनी बैठकें की, वह कितने लोगों को अपने साथ लेकर कार्यक्रम में गए, उन्होंने कार्यक्रम के दौरान क्या-क्या बयान दिए।

सूत्र बता रहे हैं कि इस रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों को भाजपा की ओर से नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा सकता है, लेकिन यह कार्रवाई बंगाल चुनावों के बाद की जाएगी।

राजे भी बंगाल चुनावों को देखते हुए इस समय चुप्पी साधे बैठी हैं। वह इस रिपोर्ट और उपचुनावों पर पूरी नजर बनाए हुए है, लेकिन यदि बंगाल चुनावों के बाद उनके गुट के लोगों पर कोई कार्रवाई होती है तो वह भी अपने पत्ते खोल सकती है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा के जयपुर दौरे में एकजुटता की सीख मिलने के बावजूद राजे गुट को प्रदेश भाजपा में दरकिनार किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण उपचुनावों के पोस्टरों में राजे की तस्वीर का नहीं होना है।

राजे के धुर विरोधी लोगों को मंच पर जगह दिए जाने से भी राजे गुट नाराज हो रहा है। वहीं विरोधी गुट की ओर से कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की नसीहत के बाद भी भरतपुर में धार्मिक कार्यक्रम की आड़ में शक्ति प्रदर्शन किया गया।

सूत्र बता रहे हैं कि यदि उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता है तो राजे गुट आक्रामक तरीके से आगे आ सकता है। यदि ऐसा होता है तो राजस्थान में खेला होने की पूरी-पूरी संभावनाएं जताई जा रही है। दोनों गुटों के बीच चल रही खींचतान के बीच भाजपा के अन्य नेता और कार्यकर्ता तटस्थ भूमिका में चल रहे हैं। वह भी इंतजार कर रहे हैं कि कौनसा गुट आगे पॉवरफुल होकर निकलता है, जो गुट पॉवरफुल बनेगा, अन्य नेता और कार्यकर्ता उसी गुट के साथ चल निकलेंगे।

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