राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर से पुलिस (police) को चकमा देते हुए अपने वादे को अंजाम दिया। किरोड़ी मीणा ने पहाड़ी पर बने आमागढ़ (Aamagarh) किले में मीणा समाज का झंडा (flag) अल सुबह लहरा दिया। किरोड़ी लाल मीणा 3 किलोमीटर जंगल के रास्ते पैदल चलकर समर्थकों के साथ आमागढ़ किले के बारह पहुंचे और वहां झंडा फहराया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस उनको विद्याधर नगर थाने ले गई।
इस दौरान उनके समर्थक बड़ी संख्या में थाने के सामने पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उनके समर्थक गांधी सर्किल पर भी एकत्रित होने लगे। इस बीच थाने में किरोड़ी लाल मीणा ने प्रशासन को साफ कर दिया कि आमागढ़ किले पर झंडा लगा रहेगा और वहां पूजा करने की इजाजत दी जाए, नहीं तो वह अपनी जमानत नहीं कराएंगे।
सांसद मीणा दोपहर बाद थाने से बाहर आए और वहां से गांधी सर्किल पहुुंचे। गांधी सर्किल पहुंचकर मीणा ने वहां उपस्थित अपने समर्थकों को भी संबोधित किया। इस दौरान सामने आया कि सांसद के साथ हिरासत में लिए गए दो समर्थक राजेश मीणा और सतीश मीणा गायब है। जब उनकी तलाश की गई तो वह शास्त्रीनगर थाने में पाए गए। पुलिस ने उनके फोन जप्त कर लिए थे। पुलिस ने दोपहर 3 बजे उन दोनों को भी छोड़ दिया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मीणा ने बताया कि स्थानीय विधायक और गांगापुर से विधायक रामकेश मीणा ने कुछ स्थानीय लोगों से साजिश के तहत आमागढ़ पर भगवा ध्वज लगवाया था। इसके जरिए वह हिंदु समाज को आपस में लड़ाना चाहते थे।
मीणा की गिरफ्तारी के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सक्रिय हो गई। उन्होंने ट्वीट कर मीणा की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि गहलोत सरकार धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस को करारा जवाब देने वाले किरोड़ीलाल मीणा को तुरंत रिहा किया जाए। वहीं दूसरी ओर सांसद हनुमान बेनीवाल भी मीणा के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने ट्वीट कर गहलोत सरकार से मीणा की रिहाई की मांग की।